जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों में वृद्धि: तलाशी अभियान तेज

हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है, जिससे क्षेत्र में शांति प्रयासों को झटका लगा है। पाकिस्तानी समर्थित आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने जम्मू संभाग में आठ दिनों के भीतर हुई दो प्रमुख मुठभेड़ों की जिम्मेदारी ली है। इन मुठभेड़ों में सोमवार को डोडा में तीन जवान और एक अधिकारी शहीद हो गए, जबकि 8 जुलाई को कठुआ में इसी तरह की घटना में पांच जवान बलिदान हो गए थे।

जम्मू संभाग के विभिन्न इलाकों में चल रहे तलाशी अभियानों के बीच सुरक्षा बल आतंकवादियों की खोज में जुटे हुए हैं, जो हाल की मुठभेड़ों के दौरान पकड़ में नहीं आ सके। डोडा के पर्वतीय और घने जंगलों वाले देसा क्षेत्र में, जहां सड़क सुविधा और फोन नेटवर्क न्यूनतम हैं, आतंकवादियों ने मानसून के कोहरे का फायदा उठाकर हमला किया।

अधिकारियों के अनुसार, डोडा में मुठभेड़ तब शुरू हुई जब राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने सोमवार शाम करीब 7:45 बजे धारी गोटे उरारबागी क्षेत्र में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर, रात करीब 9 बजे आतंकवादियों के साथ संपर्क स्थापित हुआ और भारी गोलीबारी हुई।

आतंकी हमलों में वृद्धि

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 जून को शपथ लेने के बाद। इस दौरान, रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर आतंकवादियों ने हमला किया, जिससे बस खाई में गिर गई और नौ लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, 9 से 11 जून के बीच आतंकवादियों ने चार और हमले किए।

कठुआ में पांच जवान शहीद

8 जुलाई को कठुआ के बदनोटा इलाके में सेना के गश्ती दल पर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने घात लगाकर हमला किया, जिसमें पांच जवान शहीद हो गए।

कठुआ हमले में भारी गोलीबारी

कठुआ जिले के पर्वतीय क्षेत्र बदनोटा में घायल जवानों ने आतंकवादियों का डटकर मुकाबला किया। घायल जवानों को बचाने के लिए सुरक्षा बलों ने करीब छह हजार राउंड फायर किए, जिससे आतंकवादी भागने पर मजबूर हो गए।

भारतीय सेना ने अपने पांच साथियों की शहादत का बदला लेने के लिए कठुआ जिले के बिलावर के बदनोटा क्षेत्र में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। बीते गुरुवार को जिला पुलिस लाइन कठुआ में सेना, बीएसएफ, जम्मू-कश्मीर डीजीपी और पंजाब के डीजीपी सहित खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक की।

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