"बच्चे को जमानत का आधार न बनने दिया जाए," निकिता की याचिका पर अतुल के वकील ने पेश की दलील
जी एन न्यूज संवाददाता
सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में एक बड़ा मोड़ आया है। आरोपी पत्नी निकिता की जमानत याचिका पर अतुल सुभाष के वकील आकाश जिंदल ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि अदालत में जमानत हासिल करने के लिए बच्चे को एक साधन के रूप में इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। गौरतलब है कि अतुल ने आत्महत्या से पहले आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी ने तलाक के समझौते के लिए तीन करोड़ रुपये की मांग की थी।
अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में एक और अहम पहलू सामने आया है। अतुल के वकील आकाश जिंदल ने कहा कि निकिता और उसके परिवार की जमानत याचिका आज अदालत में सूचीबद्ध थी। वकील ने तर्क दिया कि अतुल ने अपने आत्महत्या के वीडियो में स्पष्ट रूप से कहा था कि बच्चे को न्यायिक प्रक्रिया से बचने के लिए एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए। लेकिन अब वही किया जा रहा है।
आकाश ने बताया कि निकिता के वकील का कहना है कि हम उनकी अनुपस्थिति में बच्चे की कस्टडी की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह सच नहीं है। बच्चे की मां और परिवार के सभी सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं, ऐसे में बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा है। इसी वजह से कस्टडी की मांग की गई है।