2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप और कमला हैरिस में से किसकी जीत से भारत को अधिक लाभ हो सकता है?
ग्रेटर नोएडा। ( जीएन न्यूज़, संवाददाता ) ।
अमेरिका में 47वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है, जिस पर पूरी दुनिया की नजर है। मुख्य मुकाबला पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच है। यह चुनाव भारत के लिए भी काफी मायने रखता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अमेरिका में किसकी जीत से भारत को लाभ मिल सकता है और किसके जीतने से नुकसान होने की संभावना है।
कमला हैरिस की मां श्यामला गोपालन भारतीय मूल की हैं और तमिलनाडु से हैं, जबकि उनके पिता जमैका से ताल्लुक रखते हैं। उनके माता-पिता की मुलाकात अमेरिका में हुई और उन्होंने शादी की, हालांकि बाद में उनका तलाक हो गया। कमला हैरिस कई बार अपनी मां के साथ चेन्नई में अपने नाना के घर भी आ चुकी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके संबंध
अमेरिका की उपराष्ट्रपति रहते हुए कमला हैरिस ने भारत के मुद्दों पर अधिक मुखर रुख नहीं अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात कमला हैरिस से हुई थी, लेकिन उनके बीच कोई खास रसायन नहीं दिखा। वहीं, राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन कई घरेलू मुद्दों पर भारत के खिलाफ बयान देता रहा है। अल्पसंख्यकों और मानवाधिकारों के मुद्दे पर अमेरिकी मंत्रियों ने कई बार भारतीय लोकतंत्र पर सवाल उठाए हैं।
कश्मीर पर विवादास्पद बयान
खास बात यह है कि कमला हैरिस कश्मीर मुद्दे पर विवादित बयान दे चुकी हैं। 2019 में जब भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया था, तो कमला हैरिस ने कहा था कि कश्मीरियों को याद दिलाना चाहिए कि वे अकेले नहीं हैं और जरूरत पड़ने पर हम इस मामले में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
ऊर्जा क्षेत्र और प्रवास मुद्दे पर सहयोग की उम्मीद
कमला हैरिस नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की समर्थक हैं, और भारत भी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। भारत को उम्मीद है कि इस लक्ष्य को पूरा करने में अमेरिका से उन्नत तकनीकी सहयोग मिल सकता है। व्यापार की दृष्टि से देखें तो कमला हैरिस के जीतने से भारतीय बाजार में स्थिरता की संभावना है।
इसके अलावा, कमला हैरिस के जीतने पर एक चुनौती यह हो सकती है कि उनके साथ उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार टिम वाल्ज हैं, जो चीन के प्रति नरम दृष्टिकोण रखते हैं और चीन से उनके संबंध भी रहे हैं। लेकिन प्रवास के मुद्दे पर कमला हैरिस भारत का समर्थन कर सकती हैं, जिससे भारतीय आईटी क्षेत्र को लाभ हो सकता है। डेमोक्रेटिक सरकारें आमतौर पर एच-1बी वीजा के मामले में भी सहयोग करती रही हैं, जिससे भारत को मदद मिलने की उम्मीद है।