राहुल गांधी की 'आरक्षण राजनीति' पर मायावती के अचानक सक्रिय होने के क्या अर्थ हैं?राहुल गांधी की 'आरक्षण राजनीति' पर मायावती के अचानक सक्रिय होने के क्या अर्थ हैं?

संवाददाता (जी एन न्यूज)।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का 'आरक्षण पॉलिटिक्स' के संदर्भ में दिया गया बयान विवादों में फंस गया है। अमेरिका में उनके आरक्षण पर किए गए टिप्पणियों के कारण बीजेपी और बसपा ने सीधे उन पर हमला बोला है। बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस आरक्षण के खिलाफ है और राहुल गांधी का बयान इसकी पुष्टि करता है। बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस की नीतियों पर लगातार सवाल उठाए हैं और यहां तक कि आशंका व्यक्त की है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो आरक्षण को खत्म कर सकती है। इस समय, जाति आधारित जनगणना की मांग करने वाली कांग्रेस इस पूरे विवाद में चारों ओर से घिरी हुई नजर आ रही है।

राहुल गांधी ने अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स से बातचीत के दौरान भारत में आरक्षण के बारे में एक टिप्पणी की, जिसने विवाद खड़ा कर दिया। जब स्टूडेंट्स ने उनसे भारत में आरक्षण की स्थिति और इसके भविष्य के बारे में सवाल किया, तो राहुल गांधी ने जवाब दिया कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण को समाप्त करने पर विचार तभी करेगी जब भारत में भेदभाव समाप्त हो जाएगा और आरक्षण के संदर्भ में निष्पक्षता सुनिश्चित हो जाएगी। वर्तमान में, उनकी मान्यता के अनुसार, ऐसा स्थिति नहीं है।

राहुल गांधी ने कहा कि भारत की समस्या यह है कि देश की 90 प्रतिशत आबादी पूरी तरह से भागीदारी के योग्य नहीं है। उनका कहना था कि हम समस्या की जड़ को हल नहीं कर रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई उच्च जाति के लोग पूछते हैं कि उन्होंने क्या गलती की है और उन्हें क्यों दंडित किया जा रहा है। इसके चलते, उनके अनुसार, कुछ चीजों की उपलब्धता में नाटकीय वृद्धि के बारे में सोचा जाना चाहिए और सत्ता के विकेंद्रीकरण पर भी ध्यान देना चाहिए।

 

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