भीमराव अंबेडकर को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है, हिंदू-कम्युनिस्टों के साथ हो गए थे, नेहरू की लेडी माउंटबेटन को लिखी चिट्ठी पढ़िए।
नई दिल्ली/जी एन न्यूज संवाददाता
राज्यसभा में मंगलवार को संविधान पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह के डॉक्टर बी.आर. अंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद देश में राजनीतिक बहस छिड़ गई है, जो अब तक जारी है। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगा रही है। लेकिन अगर इतिहास के पन्नों को पलटें, तो कांग्रेस का एक अलग चेहरा भी सामने आता है। कांग्रेस ने अंबेडकर को उतना सम्मान नहीं दिया जितना उन्हें मिलना चाहिए था। कई मौकों पर तो अंबेडकर का अपमान भी हुआ। इसका एक उदाहरण पंडित नेहरू की लेडी माउंटबेटन को लिखी गई चिट्ठी में देखा जा सकता है। आइए जानते हैं नेहरू ने अपनी चिट्ठी में क्या लिखा था।
नेहरू की 16 जनवरी 1952 की चिट्ठी
नेहरू ने यह चिट्ठी 16 जनवरी 1952 को लिखी थी। इसमें उन्होंने लिखा, “बंबई शहर में और काफी हद तक बंबई प्रांत में हमारी सफलता उम्मीद से कहीं अधिक रही है। अंबेडकर को बाहर कर दिया गया है। समाजवादियों का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है। वहीं, कम्युनिस्टों या कहें कि कम्युनिस्ट नेतृत्व वाले समूह ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस को छोड़कर किसी अन्य पार्टी का कोई खास प्रभाव नहीं रहा। हालांकि, कुछ निर्दलीय भी हैं जो चुपके से जीतकर आ गए हैं।”