पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी से हटने पर होगा भारी नुकसान
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) अगर अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से हटने का निर्णय लेता है, तो उसे न केवल राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, बल्कि कानूनी मुकदमों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, यह कदम पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अलग-थलग कर सकता है।
एक वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक ने बताया कि अगर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) चैंपियंस ट्रॉफी के लिए प्रस्तावित हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार नहीं करते हैं, तो पीसीबी के लिए टूर्नामेंट से हटना आसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने आईसीसी के साथ मेजबानी समझौते और सभी सदस्य देशों की अनिवार्य भागीदारी से संबंधित एमपीए पर हस्ताक्षर किए हैं। आईसीसी की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए यह समझौता आवश्यक है।"
आईसीसी ने अपनी सभी प्रतियोगिताओं के लिए प्रसारकों के साथ यह गारंटी दी है कि उसके सभी सदस्य देश, चैंपियंस ट्रॉफी सहित, इन टूर्नामेंट्स में भाग लेंगे। हाल ही में आईसीसी ने इस ट्रॉफी के लिए हाइब्रिड मॉडल को मंजूरी दी है, जिसके तहत भारत अपने मैच दुबई में खेलेगा।
अगर पीसीबी टूर्नामेंट से हटता है, तो उसे आईसीसी और कार्यकारी बोर्ड के अन्य सदस्य देशों के साथ-साथ प्रसारकों के मुकदमों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, पीसीबी को कार्यकारी बोर्ड के अन्य सदस्यों से भी पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है, जिससे उसका निर्णय और कठिन हो सकता है।