अलजजीरा ने पहलवान विनेश फोगाट के बारे में कहा कि वे सिर्फ पदक जीतने के लिए...
विनेश फोगाट: पेरिस ओलंपिक के दौरान डेढ़ करोड़ भारतीयों की विनेश फोगाट से बड़ी उम्मीदें थीं। मंगलवार को पेरिस से भारतीयों के लिए एक खुशखबरी आई, जब विनेश फोगाट ने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेज़ को सेमीफाइनल में हरा दिया था। इसके बाद, फोगाट ने फाइनल में जगह बना ली थी। लेकिन अगले दिन भारतीयों की खुशी में अड़चन आ गई, जब भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने बताया कि विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया है। 50 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली विनेश का वजन 100 ग्राम अधिक हो गया था।
वजन अधिक पाए जाने के कारण ओलंपिक एसोसिएशन ने विनेश फोगाट को फ्रीस्टाइल महिला कुश्ती के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। इस प्रकार, विनेश को बिना मैच खेले ही हार का सामना करना पड़ा। वर्ल्ड मीडिया ने विनेश की इस हार को अपने-अपने तरीके से विश्लेषित किया। अमेरिकी मीडिया सीएनएन ने लिखा कि मेहनत और धीरज की कहानी जल्द ही दिल तोड़ने वाले मोड़ पर आ गई। सेक्सुअल हैरासमेंट के खिलाफ संघर्ष करने वाली विनेश को वजन के कारण गोल्ड मेडल मैच से बाहर कर दिया गया।
अमेरिकी मीडिया CNN ने विनेश फोगाट के बारे में क्या लिखा: CNN ने बताया कि विनेश फोगाट एक साल पहले सेक्सुअल हैरासमेंट के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दिल्ली की सड़कों पर सो रही थीं। मंगलवार को उनकी किस्मत ने बुरा मोड़ लिया और कड़ी मेहनत के बावजूद वह गोल्ड मेडल के मैच से बाहर हो गईं। उन्हें उम्मीद थी कि इतनी कठिनाइयों के बाद उन्हें एक सिल्वर या गोल्ड मेडल जरूर मिलेगा। फोगाट ने फ्री स्टाइल कुश्ती में विश्व की बेहतरीन पहलवान यूई सुसाकी को हराया था और ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बन गई थीं।
रॉयटर्स ने भी विनेश फोगाट की खबर को कवर किया: ब्रिटिश समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने लिखा कि भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट का फाइनल मैच अमेरिकी पहलवान साराह हिल्डेब्रांट के साथ होना था, लेकिन उन्हें पहले ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। अब, फोगाट को किसी भी रंग का मेडल नहीं मिलेगा। इस खबर के आने के बाद भारत के लोग उनके प्रति सहानुभूति जता रहे हैं।
विनेश फोगाट पर अलजजीरा ने क्या कहा: कतर की मीडिया अलजजीरा ने भी विनेश फोगाट के बारे में खबर दी है। अलजजीरा ने अपने लेख में पिछले साल बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ उनके प्रदर्शन को प्रमुखता दी। अलजजीरा ने लिखा कि विनेश फोगाट का सपना केवल ओलंपिक में गोल्ड जीतना नहीं था, वह सिर्फ मेडल के लिए नहीं खेल रही थीं, बल्कि उनका संघर्ष हरियाणा की लड़कियों के सपनों को भी बचाने के लिए था।