अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने किया बड़ा ऐलान, BPSC को लेकर आगे की रणनीति का खुलासा किया।
जीएन न्यूज़, संवाददाता
जनसुराज पार्टी के प्रमुख और राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार सिविल सेवा परीक्षा (BPSC) रद्द करने की मांग को लेकर 2 जनवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। उन्होंने प्रशासन और सरकार पर भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि यह कदम युवाओं और प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उठाया गया है।
प्रशांत किशोर ने क्या कहा?
हड़ताल के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा, "बिहार में लगातार परीक्षा प्रक्रिया में गड़बड़ियां हो रही हैं। यह केवल अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं, बल्कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को भी कमजोर कर रहा है। जब तक BPSC की परीक्षाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी नहीं बनाया जाता, हमारी यह लड़ाई जारी रहेगी।"
आगे की रणनीति पर क्या बोले प्रशांत?
प्रशांत किशोर ने यह भी ऐलान किया कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि इस मामले में सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा, वे युवाओं के लिए रोजगार और निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
प्रशासन क्या करेगा?
प्रशासन ने प्रशांत किशोर के अनशन को खत्म कराने के लिए बातचीत शुरू की है। स्थानीय अधिकारियों ने उनसे अनुरोध किया कि वे अपना अनशन समाप्त करें और समाधान के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करें। हालांकि, प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अपने फैसले से पीछे नहीं हटेंगे।
क्यों खास है यह मुद्दा?
BPSC की परीक्षाओं में पारदर्शिता की कमी और लगातार होने वाली धांधली ने हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशांत किशोर के इस कदम को युवाओं के हक की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। उनकी पार्टी, जनसुराज, इस मुद्दे पर खुलकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है।
इससे जुड़ी हर अपडेट और आगे की कार्रवाई को जानने के लिए यह विषय चर्चा में बना हुआ है।