गाजियाबाद: ई-डब्ल्यूएस भवनों में पेयजल आपूर्ति के लिए 14 करोड़ की योजना, मार्च तक काम शुरू होने की उम्मीद
गाजियाबाद। गरीबों के लिए बनाए गए 3,496 ई-डब्ल्यूएस भवनों में पेयजल पहुंचाने की कवायद तेज हो गई है। जल निगम ने 14.07 करोड़ रुपये की लागत से पेयजल और सीवरेज व्यवस्था का एस्टीमेट तैयार कर नगर विकास विभाग को भेज दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसी वित्तीय वर्ष में बजट स्वीकृत होने के बाद काम शुरू हो जाएगा।
ई-डब्ल्यूएस भवनों में जल संकट
पीएम आवास योजना के तहत जिले में पांच स्थानों पर ई-डब्ल्यूएस फ्लैट बनाए गए हैं, जिनका आवंटन हो चुका है। लेकिन पेयजल सुविधा नहीं होने से अधिकांश आवंटी किराये पर रह रहे हैं। जीडीए ने जल निगम को पत्र लिखकर पेयजल लाइन बिछाने की मांग की थी। जल निगम के अधिशासी अभियंता संजय कुमार के अनुसार, एस्टीमेट मुख्यालय को भेजा जा चुका है और स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
इन इलाकों में बनेंगी पानी की टंकियां और पंप हाउस
- डासना: 200 किलोलीटर की पानी की टंकी, नलकूप, चहारदीवारी, पंप हाउस (लागत: ₹1.45 करोड़)
- मधुबन-बापूधाम: 325 किलोलीटर टंकी, पंप हाउस, नलकूप (लागत: ₹1.87 करोड़)
- प्रताप विहार सेक्टर 12: 450 किलोलीटर टंकी, दो नलकूप, पंप हाउस (लागत: ₹2.43 करोड़)
- नूरनगर: 200 किलोलीटर टंकी, नलकूप, पंप हाउस, चहारदीवारी (लागत: ₹1.28 करोड़)
- निवाड़ी: 250 किलोलीटर टंकी, नलकूप, पंप हाउस, चहारदीवारी (लागत: ₹1.36 करोड़)
सीवरेज के लिए बनेगा एसटीपी
सीवरेज व्यवस्था सुधारने के लिए डासना और निवाड़ी में लगभग ₹6 करोड़ की लागत से दो एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाए जाएंगे। जीडीए के मुख्य अभियंता मानवेंद्र सिंह ने बताया कि ऊर्जा निगम बिजली आपूर्ति के लिए लाइन बिछाने का काम कर रहा है और जल निगम के साथ लगातार वार्ता जारी है। मार्च तक काम शुरू होने की पूरी उम्मीद है।