महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 3,29,70,000 रूपये की धोखाधड़ी करने वाले प्रकरण में थाना साइबर क्राइम पुलिस द्वारा 1 शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार।
- Jul-18-2025
नोएडा/ जी एन न्यूज भारत संवाददाता:
वृद्ध महिला को डिजिटल अरेस्ट कर 3,29,70,000 रूपये की धोखाधड़ी करने वाले प्रकरण में थाना साइबर क्राइम पुलिस द्वारा 1 शातिर साइबर अपराधी गिरफ्तार।घटना का संक्षिप्त विवरण- अज्ञात फोन नम्बर द्वारा वादिया के लैंडलाइन नम्बर पर कॉल कर वादिया को बताया गया कि उनके आधार कार्ड का उपयोग करते हुए बैंक खाते खोले गये जिनका प्रयोग जुआ व अवैध हथियार की खरीद करने में किया गया है। अभियुक्त द्वारा वादिया को गिरफ्तारी का भय दिखाकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर 3,29,70,000 रूपये की धोखाधड़ी की गयी थी, जिसके संबंध में वादिया द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर दिनांक 30.06.2025 को थाना साइबर क्राइम पर अभियोग पंजीकृत किया गया था। कार्यवाही का विवरण-थाना साइबर क्राइम पुलिस द्वारा अभिसूचना संकलन के आधार पर कार्यवाही करते हुए वादिया को डिजिटल अरेस्ट कर 3,29,70,000 रूपये की धोखाधड़ी करने वाले 01 शातिर साइबर अपराधी विपुल नागर (बेनिफेशयरी खाताधारक) को जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है। उक्त प्रकरण से संबंधित 03 अभियुक्तों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
पूछताछ का विवरण-विपुल नागर(बेनिफेशयरी खाताधारक) ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने बैंक खाते को सह अभि0 अजीत को दे दिया था, जिस पर धोखाधडी से सम्बन्धित धनराशि प्राप्त की जाती थी। जिसका कमीशन अभि0 विपुल नागर को प्राप्त होता था। उपरोक्त घटना से सम्बन्धित 63 लाख रुपये अभि0 विपुल नागर के खाते में ट्रांसफर हुए थे। अभियुक्त का विवरण-विपुल नागर निवासी रायगार जयपुर (राजस्थान),पंजीकृत अभियोग का विवरण-मु0अ0सं0- 63/2025 धारा 308(2)/318(4)/319(2) बीएनएस व 66-डी आईटी एक्ट, थाना साइबर क्राइम, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर,
नोट- साइबर जागरूकता सुझाव बिन्दु-1- साइबर से संबंधित किसी समस्या के लिये साइबर क्राइम हेल्पलाइन नम्बर- 1930 अथवा साइबर क्राइम की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करें।
2- डिजिटल अरेस्ट- यदि आपके पास कोई व्यक्ति स्वयं को सीबीआई अधिकारी, पुलिस अधिकारी, ED का अधिकारी, नारकोटिक्स विभाग का अधिकारी अथवा इनकम टैक्स का अधिकारी बनकर कॉल करता है, उसके बाद आपको स्काइप/ zoom/ ऐप डाउनलोड करा कर वीडियो कॉल करने के लिए कहता है और आपका आईडी अवैध मादक पदार्थ के विक्रय में हवाला जैसे कारोबार/ money laaundering/ smuggling/ fake import-export में संलिप्त पाए जाने की बात कह कर डराता है, आपके विरुद्ध हुई FIR दिखाता है, सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाता है या कोर्ट सुनवाई करवाता है। तो यह व्यक्ति साइबर अपराधी है आपको डरना या भयभीत नहीं होना है इसकी तुरंत शिकायत अपने निकटवर्ती पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन में करनी है। साइबर अपराधी के कहने पर किसी भी खाते में कोई भी धनराशि ट्रांसफर नहीं करनी है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप साइबर ठगी के शिकार बन सकते हैं।