एच.आई.एम.टी. कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, ग्रेटर नोएडा में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अकादमिक-इंडस्ट्री सहयोग पर मंथन।
- Sep-13-2025
ग्रेटर नोएडा/ जी एन न्यूज भारत संवाददाता
एच.आई.एम.टी. कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, ग्रेटर नोएडा में “International Conference on Integrating Research & Industry in Pharmaceutical & Allied Sciences (ICIRIPAS-2025)” का शुभारंभ आज बड़े ही उत्साहपूर्ण माहौल में हुआ।
कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें चेयरमैन एच.एस. बंसल, HIMT समूह के सचिव अनिल कुमार बंसल, संयुक्त सचिव अनमोल बंसल, ग्रुप डायरेक्टर डॉ. सुधीर कुमार, प्राचार्य डॉ. अनुज मित्तल तथा आचार्य डॉ. विनोद गहलोत समेत विभिन्न गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया।मुख्य अतिथि प्रो. एम.एस.एम. रावत (नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, अरुणाचल प्रदेश) ने अपने संबोधन में शोध और औद्योगिक सहयोग को दवा उद्योग की गुणवत्ता बढ़ाने का सबसे अहम स्तंभ बताया। इसके बाद मुख्य वक्ता श्री अरविंद कुमार शर्मा (आई.पी.सी., गाज़ियाबाद) ने “दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में भारतीय फार्माकोपिया आयोग की भूमिका” विषय पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया।सम्मेलन के पहले दिन का मुख्य विषय था – “एकेडेमिक-इंडस्ट्री सहयोग एवं फ़ार्मास्यूटिकल साइंसेज़ में वैश्विक रुझान”।दोपहर बाद हुए वैज्ञानिक सत्रों में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने विचार रखे।डॉ. कमल दुआ (यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया) ने शोध लेखन की संरचना और उसकी स्पष्टता पर प्रकाश डाला।आदर्श मेहता (बेलारूस, मोल्दोवा) ने स्वास्थ्य प्रणाली एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के समन्वय पर व्याख्यान दिया।डॉ. धर्मेन्द्र आहूजा (ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर) ने प्रीक्लिनिकल फार्माकोलॉजी में ए.आई. के अनुप्रयोग को विस्तार से समझाया।दिनभर चले इस आयोजन में पोस्टर एवं मौखिक प्रस्तुतियाँ भी आयोजित की गईं, जिनमें शोधार्थियों ने अपनी नवीनतम शोध गतिविधियों का प्रदर्शन किया। दिन का समापन पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसमें विशेषज्ञों ने फार्मेसी शिक्षा और शोध में उद्योग की बढ़ती भूमिका पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा जगत और उद्योग जगत के बीच पुल का निर्माण करना है, ताकि भारत वैश्विक फार्मा क्षेत्र में और सशक्त योगदान दे सके।कांफ्रेंस के आयोजन को सफल बनाने में आयोजन सेक्रेट्री डॉ विनोद गेहलोत , सह आयोजन सेक्रेट्री डॉ सीमा व् प्रीती कुनियाल का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।