वायनाड में भूस्खलन: 300 लोग लापता, बारिश का चेतावनी जारी... वायनाड में जीवनरक्षक प्रयास जारी, जानें नवीनतम अपडेट्स

वायनाड में भूस्खलन: केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी है। राहत और बचाव कार्य जारी है, और मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ लोगों की किस्मत अच्छी रही, जिन्हें बचावकर्मियों ने सुरक्षित निकाल लिया, जबकि कई लोग ऐसा भाग्य नहीं देख पाए। वायनाड में बचाव अभियान का शनिवार (3 अगस्त) को चौथा दिन है। चूरमाला में एनडीआरएफ और सेना के जवानों ने मिलकर लोगों को बचाने का काम तेज कर दिया है।

रेस्क्यू टीम आधुनिक तकनीकी उपकरणों और खोजी कुत्तों की मदद से लोगों को जिंदा खोजने की कोशिश कर रही है। इस प्रयास के दौरान कई शव भी मलबे से बाहर निकाले जा रहे हैं। यह आपदा केरल में पिछले कुछ वर्षों में आई सबसे गंभीर आपदा मानी जा रही है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि रडार ने मलबों के नीचे कुछ गतिविधियाँ दर्ज की हैं, जो यह संकेत देती हैं कि कुछ लोग अभी भी जीवित हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि वायनाड में हुए भूस्खलन के संदर्भ में अभी तक क्या नई जानकारी प्राप्त हुई है।

वायनाड में भूस्खलन से अब तक 358 लोगों की मौत हो चुकी है। 214 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं, जबकि 187 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इसके बावजूद, भूस्खलन के बाद लगभग 300 लोग अभी भी लापता हैं और उम्मीद की जा रही है कि वे जीवित होंगे।

शनिवार को वायनाड में बचाव अभियान जारी रहा। लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया, "हमारा आज का कार्यक्रम कल जैसा ही है। हमने विभिन्न क्षेत्रों में टीमें भेजी हैं और खोजी कुत्ते और विशेषज्ञ भी उनके साथ हैं। स्थानीय लोग भी हमारे साथ मिलकर बचाव कार्य में सहायता कर रहे हैं।" 

भूस्खलन के चौथे दिन पदवेट्टी कुन्नू के पास एक घर से एक परिवार के चार सदस्यों को बचाया गया, जिससे जीवित लोगों की तलाश कर रहे सैकड़ों बचावकर्मियों को कुछ आशा मिली है। करीब 40 रेस्क्यू टीमें कुत्तों के साथ भूस्खलन प्रभावित छह क्षेत्रों में खोज अभियान चला रही हैं।

वन अधिकारियों ने भी बचाव कार्य के दौरान एक आदिवासी समुदाय के चार बच्चों और उनके माता-पिता को सुरक्षित निकाल लिया। कलपेट्टा रेंज के वन अधिकारी के हशीस के नेतृत्व में टीम जंगल में जाकर इस परिवार को बचाने में सफल रही। एक अधिकारी ने बताया कि रडार पर सांस लेने का सिग्नल मिलने के बाद हमने उनकी खोज की और उन्हें सुरक्षित निकाला।

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