सुपरटेक कर्मचारियों का फूटा गुस्सा, बकाया वेतन के लिए आईआरपी के खिलाफ मोर्चा

नोएडा ( आमिर खान, जीएन न्यूज, संवाददाता ) ।

सुपरटेक लिमिटेड के कर्मचारियों का बकाया वेतन पिछले पांच महीनों से नहीं मिलने के कारण उनका गुस्सा फूट पड़ा है। मंगलवार को कर्मचारियों ने आईआरपी (अंतरिम समाधान पेशेवर) के कार्यालय पर प्रदर्शन किया और अपनी बकाया सैलरी की मांग की। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें उनका वेतन नहीं मिलेगा, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे।
पांच महीने से वेतन का इंतजार
सुपरटेक के कर्मचारियों का वेतन पिछले पांच महीनों से अटका हुआ है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। कर्मचारियों का कहना है कि उनके सामने घर का किराया, बच्चों की फीस और अन्य जरूरी खर्चों का संकट खड़ा हो गया है। कई कर्मचारी तो कर्ज लेने के लिए मजबूर हो गए हैं।
एनसीएलएटी में सुनवाई का इंतजार
सुपरटेक के कर्मचारी अपनी बकाया सैलरी के लिए एनसीएलएटी (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल) में भी गए हैं। वहां 10 फरवरी को इस मामले में सुनवाई होनी है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि एनसीएलएटी में उन्हें न्याय मिलेगा।

सुपरटेक में काम करने वाले सुनील कुमार ने बताया कि उनकी सैलरी सिर्फ 19 हजार रुपये है, लेकिन पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण वह अपने बच्चों की फीस नहीं भर पाए हैं और न ही घर का किराया दे पाए हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में पीटीएम के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन वह जा नहीं पा रहे हैं। सुनील कुमार ने कहा कि वह मानसिक रूप से बहुत परेशान हैं और उन्हें डर है कि उनके बच्चों का नाम स्कूल से कट जाएगा।
एक अन्य कर्मचारी विशाल गुप्ता ने बताया कि पांच महीने से सैलरी नहीं मिलने के कारण उनकी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई है। बैंक का लोन भी नहीं भर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग किराए के घर में रहते हैं, उनके लिए किराया देना भी मुश्किल हो गया है। कई कर्मचारी तो पैसे की कमी के कारण अपने परिजनों का इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं।
300 कर्मचारियों का वेतन अटका
सुपरटेक लिमिटेड में फिलहाल लगभग 300 कर्मचारियों का वेतन सितंबर महीने से नहीं मिला है। 25 मार्च 2022 को सुपरटेक लिमिटेड के दिवालिया घोषित होने के बाद कंपनी के वेतन भुगतान की जिम्मेदारी अध्यक्ष और आईआरपी हितेश गोयल की है। हितेश गोयल ने आश्वासन दिया था कि दिवालिया प्रक्रिया के बाद कर्मचारियों का वेतन समय पर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।
कर्मचारियों का आरोप है कि आईआरपी हितेश गोयल ने उनसे जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि जब वे आईआरपी से बात करने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें बाउंसरों के द्वारा डराया-धमकाया जाता है। कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है और वे अपने घरों का खर्च चलाने में भी असमर्थ हैं।
सुपरटेक के कर्मचारियों को अब एनसीएलएटी की सुनवाई का इंतजार है। उन्हें उम्मीद है कि वहां उन्हें न्याय मिलेगा और उनकी बकाया सैलरी उन्हें जल्द ही मिल जाएगी।
 

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