लॉयड इनक्यूबेशन बना उत्तर प्रदेश में नंबर वन: तीन स्टार्टअप आइडिया का हुआ चयन
- Jul-01-2025
ग्रेटर नोएडा/ जी एन न्यूज भारत संवाददाता:
ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क स्थित लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (LIET) नवाचार और स्टार्टअप के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का नेतृत्व कर रहा है। हाल ही में आयोजित एमएसएमई आइडिया हैकाथॉन 4.0 के अंतर्गत लॉयड इनक्यूबेशन सेंटर से जुड़े तीन स्टार्टअप आइडियाज़ का चयन हुआ है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश से कुल 21 आइडिया चयनित हुए हैं, जिनमें से अकेले लॉयड के तीन आइडिया शामिल हैं, जिससे संस्थान ने IIT-BHU के साथ संयुक्त रूप से प्रदेश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
इस सफलता पर संस्थान के *वरिष्ठ निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "यह उपलब्धि हमारे छात्रों के स्टार्टअप सपनों को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। लॉयड का इनक्यूबेशन सेंटर पूर्ण समर्पण के साथ नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रहा है।"
इनक्यूबेशन सेल के सीईओ डॉ. एस.पी. द्विवेदी* ने चयनित छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि, "यह विद्यार्थियों की मेहनत, समर्पण और नवाचारशील सोच का परिणाम है, जिसने लॉयड को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।"
चयनित तीन प्रमुख स्टार्टअप आइडियाज़ इस प्रकार हैं:
गौस अली (छात्र) — बुक्सा जनजाति के लिए IoT आधारित पशु स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली
तनिष्क अस्त्य (छात्र) — एक इलेक्ट्रोस्पिनिंग गन जो जलन के घावों और आंतरिक सर्जरी हेतु फाइबर तैयार करती है
प्रियांशु (उद्यमी) — एक मल्टी-इंटीग्रेटेड ड्रोन एंबुलेंस, जो कृषि ड्रोन और मृदा परीक्षण उपकरण से सुसज्जित है
उपरोक्त तीनों आइडिया "एमएसएमई में उन्नत प्रौद्योगिकी" विषय के अंतर्गत चयनित किए गए हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि 27 जून 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एमएसएमई दिवस समारोह में इस हैकाथॉन के परिणाम घोषित किए गए। इसमें देशभर से 488 नवाचारियों के आइडिया चयनित हुए, जिनमें IIT, NIT, केंद्रीय व निजी विश्वविद्यालयों, स्टार्टअप्स एवं अन्य तकनीकी संस्थानों ने भाग लिया। चयनित प्रतिभागियों को 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता MSME मंत्रालय द्वारा दी जाएगी, जिससे वे अपने विचारों को व्यवसायिक स्टार्टअप में रूपांतरित कर सकें।
यह उपलब्धि न केवल लॉयड संस्थान की गुणवत्ता और नवाचार केंद्रित शिक्षा का प्रतीक है, बल्कि छात्रों को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रसर करने का प्रमाण भी है।