AI की सदी में भर्ती की नई दिशा: लॉयड इंस्टीट्यूट ने किया HR कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन

ग्रेटर नोएडा/ जी एन न्यूज भारत संवाददाता:

लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (LIET) द्वारा 5 जुलाई 2025 को HR कॉन्क्लेव 2025 का भव्य और सफल आयोजन किया गया। इस वर्ष कॉन्क्लेव की थीम थी – “AI की सदी: भर्ती की नई दिशाएँ”, जिसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के तेजी से बढ़ते प्रभाव और मानव संसाधन प्रबंधन में उसकी भूमिका पर विचार-विमर्श करना था। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में 400 से अधिक एचआर पेशेवरों, शिक्षाविदों, एआई विशेषज्ञों और छात्रों ने भाग लिया।कार्यक्रम का शुभारंभ LIET के अध्यक्ष मनोहर थैरानी ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि 21वीं सदी के छात्रों को केवल डिग्री पर नहीं, बल्कि AI, डेटा साइंस और डिजिटल टूल्स जैसे तकनीकी कौशलों में दक्षता प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में निरंतर सीखना और स्वयं को अनुकूल बनाना ही सफलता की कुंजी है।संस्थान के वरिष्ठ निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल ने बताया कि किस प्रकार AI ने पारंपरिक भर्ती प्रक्रियाओं को बदल दिया है। पहले जहाँ चयन प्रक्रिया मैन्युअल और समय लेने वाली होती थी, अब मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स की मदद से यह प्रक्रिया अधिक कुशल और त्वरित हो गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तकनीक मानव का विकल्प नहीं, बल्कि सहायक साधन है। मुख्य वक्ता जयंती कृष्णा, पूर्व सीईओ, NSDC ने "AI की सदी में कौशल और राष्ट्र निर्माण" पर अपने विचार रखते हुए भारत के AI बाज़ार की तीव्र गति से हो रही वृद्धि, सरकारी योजनाओं तथा AI आधारित नौकरियों की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब AI मानव बुद्धि को पार कर जाएगा, तब नैतिक नेतृत्व और मानव मूल्य सबसे महत्वपूर्ण बनेंगे। विशेषज्ञ पैनल चर्चा में देश की अग्रणी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे – संजीव सचदेवा (CTO, TCS लाइफ साइंसेज़) डॉ. पुनीत अग्रवाल (सह-संस्थापक, RocketFrog AI) डॉ. अनु सिंह (प्रिंसिपल, Fiserv),  विभोर गुप्ता (डिलीवरी डायरेक्टर, Fiserv)सुश्री पारुल प्रियदर्शन (AVP, Infoedge)
सुश्री नेहा सिंह (आईरिस कंसल्टिंग)सुश्री अपूर्वा जोशी (डेटा साइंस आर्किटेक्ट, Lentra) इन सभी विशेषज्ञों ने एआई और मानव संसाधन के संयोजन पर विविध दृष्टिकोणों को साझा किया और बताया कि तकनीक के बावजूद संवेदनशीलता, संवाद और मानवीय निर्णय आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। सलील अग्रवाल, लेखक और यूट्यूबर ने "AI की सदी में सॉफ्ट स्किल्स की भूमिका" पर बात करते हुए छात्रों से सकारात्मक संवाद, आत्मविश्वास, प्रभावशाली प्रस्तुति और नेतृत्व कौशल को विकसित करने का आह्वान किया।HR कॉन्क्लेव 2025 ने यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया कि भले ही हम AI की सदी में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन मानवता, सहानुभूति और नैतिक विवेक ही भविष्य के नेता को परिभाषित करेंगे।इस अवसर पर डॉ. ए. एल. एन. राव, पीयूष गर्ग, डॉ. तन्वी मंगल, डॉ. एस. पी. द्विवेदी समेत विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कुल 400 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे। यह आयोजन LIET की उस दूरदर्शी सोच का परिचायक है, जो छात्रों को तकनीकी प्रगति के साथ-साथ मानवीय मूल्यों से जोड़कर एक संतुलित और सक्षम भविष्य के लिए तैयार करती है।
 

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