बिजनेस नेटवर्किंग और क्रेता-विक्रेता बातचीत ने दूसरे दिन को खास बनाया, ट्रेंडी और स्टाइलिश कलेक्शन वाले रैंप शो ने लोगों को आकर्षित किया, क्षेत्रीय शिल्पकारी और दीर्घकालिक उत्पाद पंक्तियों की रही सबसे अधिक मांग दिन का समापन डिस्प्ले अवॉर्ड्स और सम्मान समारोह के साथ हुआ

ग्रेटर नोएडा/जी एन न्यूज भारत संवाददाता:

इंडिया एक्सपो सेंटर में चल रहे इंडियन फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज शो (आईएफजेएएस) के 19वें संस्करण के दूसरे दिन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार और सम्मान समारोह का आयोजन हुआ और उसमें बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति दर्ज की गई। इस अवसर पर एमएसएमई मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मर्सी एपाओ की गरिमामयी उपस्थिति रही । इस अवसर पर श्री नीरज खन्ना, ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार, ईपीसीएच उपाध्यक्ष सागर मेहता, आईएफजेएएस 2025 के अध्यक्ष ल जे पी सिंह; आईएफजेएएस के उपाध्यक्ष मोहम्मद रईस; ईपीसीएच की प्रशासनिक समिति के सदस्यों:- रवि के पासी, राज कुमार मल्होत्रा, ओ पी प्रह्लादका, के एन तुलसी राव, अवधेश अग्रवाल, प्रदीप मुछ्छाल, सिमरनदीप सिंह कोहली, राजेश जैन, सलमान आजम, हंसराज बाहेती, लेखराज माहेश्वरी, प्रिंस मलिक; श्रीमती रूमा मलिक, अध्यक्ष, बीएए के साथ ही ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा और अपर कार्यकारी निदेशक राजेश रावत भी उपस्थित रहे । इस अवसर पर फैशन जूलरी और फैशन जूलरी एक्सेसरीज की कैटेगरी में पुरस्कार दिए गए। जहां खरीदारों के साथ-साथ संस्थानों को भी सम्मानित किया गया। (पुरस्कारों की सूची संलग्न)

 

इंडियन फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज शो ने पहले दो दिनों में जोरदार गति पकड़ी, जिसमें 200 प्रदर्शकों ने खरीदारों के साथ सक्रिय रूप से संवाद किया। शिल्पकारों को इस बिजनेस मंच में पूरा एक्सपोजर मिला जहां उन्होंने अपने प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बहुत कुछ सीखा और नए अनुभव हासिल किए, वहीं रैंप प्रेजेंटेशन में विभिन्न प्रतिभागियों के उत्पादों को प्रभावशाली तरीके से पेश किया गया। साथ ही डिजाइनरों ने भी इस शो का लाभ उठाकर नए व्यावसायिक संबंध बनाए।इस अवसर पर ईपीसीएच अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, "भारत की उज्जवल सांस्कृतिक विरासत ने आईएफजेएएस को एक खास स्वरूप दिया है, जहां देश भर के समृद्ध कच्चे माल से बने विविध और खास उत्पाद प्रदर्शित किए जाते हैं। इसकी खास बात ये है कि यहां पूरे भारत से आए प्रतिभागियों के क्षेत्रीय प्रदर्शनों को खूब सराहना मिल रही है और उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खास सेग्मेंट में पहले से काम कर रहे स्थापित निर्यातकों के साथ कदम से कदम मिलाकर काम करने का बहुत जरूरी मार्केट एक्सपोजर भी मिल रहा है। यहां प्रदर्शित कई शिल्प आभूषण समृद्ध परंपराओं का हिस्सा हैं जिन्हें पीढ़ियों से चली आ रही पारिवारिक प्रथा को नए जमाने के ट्रेंड्स के मुताबिक एक समकालीन रूप में पेश किया गया है।"ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने बताया, "आईएफजेएएस में हमारे उत्पादकों की ऊर्जा और क्षमताएं इस शो को अवसरों का एक सच्चा केंद्र बनाती हैं और हमारे खरीदार भी इससे सहमत हैं। यहां प्रदर्शित उत्पाद लाइनें और उत्पादन प्रक्रियाओं को सस्टेनबिलिटी के मुताबिक ढाला गया है, जिनकी यहां सबसे अधिक मांग है। एक अधिक टिकाऊ और नैतिक भविष्य के निर्माण के लिए बेहद मजबूत प्रतिबद्धता के साथ, कई प्रदर्शकों ने रंग-बिरंगे, पर्यावरण-अनुकूल कलेक्शन्स पेश किए हैं। इनमें शामिल हैं बांस से बने जूलरी, कॉटन और जूट से तैयार लाइफस्टाइल एक्सेसरीज, प्राकृतिक रंगों से सजे हाथ से पेंट किए गए शिल्प वस्त्र, रीसायकल डेनिम, बचे हुए बिना काम के कपड़ों और कागजों से बने बैग्स, तथा पौधों से प्राप्त रेशों से तैयार किए गए फैशन एक्सेसरीज — ये सभी चीजें प्राकृतिक तरीके से और जिम्मेदारी से ली गई हैं।”उनकी बात को आगे बढ़ाते हुए ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता ने कहा, ''ऐसे विचारशील और अभिनव उत्पाद लाइनें खरीदारों को खूब पसंद आ रही हैं और उनमें काफी रुचि पैदा कर रही हैं।" साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, “एक टिकाऊ, समावेशी और समृद्ध भविष्य के लिए पर्यावरण अनुकूल सप्लाई चेन पर जोर देने के साथ ईपीसीएच भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को आपूर्ति श्रृंखलाओं पर जोर देने के साथ, ईपीसीएच भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को एक जिम्मेदार मैन्यूफैक्चरिंग और ग्रीन वैल्यू चेन की दिशा में अग्रसर कर रहा है।"स्पेन से आए एक खरीदार गोंजालो प्लाजास डियाज ने कहा, "मैं यहां अपने मौजूदा सप्लायर्स से दोबारा जुड़ने आया हूं और मैंने फैशन एक्सेसरीज की सोर्सिंग के लिए कुछ बहुत ही अच्छे नए आपूर्तिकर्ताओं की भी खोज की है। जो चीज मुझे भारत वापस खींचती है वह है यहां के उत्पादों की मौलिकता, रचनात्मकता, उनकी उच्च गुणवत्ता और विशिष्टता। उत्पादकों के साथ कई बैठकों के साथ मेरा यहां बहुत सकारात्मक अनुभव रहा है।" वहीं दक्षिण अफ्रीका की एक खरीदार लिजेल ओल्कर्स ने शेयर किया, "मुझे भारतीय सप्लायर्स के साथ काम करना वाकई बहुत पसंद है। उनका व्यावसायिक नजरिया और उनकी गर्मजोशी इस अनुभव को और भी बेहतर बना देती है। जहां डिजाइन में विविधता मुझे यहां बहुत कुछ चुनने का बेहतरीन अवसर देती हैं वहीं उन टुकड़ों को भी तलाश सकती हूं जो मेरे खास सौंदर्यबोध से मेल खाते हों।"आईएफजेएएस 2025 के अध्यक्ष जे पी सिंह ने बताया, "बिजनेस बातचीत और लेन देन प्रतिभागियों को सक्रिय रूप से जोड़े हुए हैं। फैशन शो खास आकर्षण पैदा किया है, कई आगंतुकों ने रैंप पर प्रदर्शित उत्पादों के बारे में पूछताछ की है। पहले दो दिनों में मेले में बड़ी संख्या में खरीदार शामिल हुए, जिनमें कई पहली बार आए आगंतुक भी शामिल थे, और उन्होंने अपने मौजूदा सप्लायर्स के साथ ही कार्यक्रम में मिले नए सप्लायर्स दोनों को ऑर्डर देने में रुचि दिखाई है।"ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक  आर के वर्मा ने कहा, "फीडबैक के मुताबिक, खरीदार खास तौर पर उन हस्तशिल्प उत्पादों की ओर आकर्षित हो रहे हैं जो बहुत बारीकी और कड़ी मेहनत से बनाए गए हैं।" उनका मानना है कि यह ट्रेंड भारतीय उत्पादों को कई प्रमुख वैश्विक बाजारों में तेजी से लोकप्रियता हासिल कराएगी।ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद देश भर के हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली एक नोडल संस्थान है और यह देश के विभिन्न शिल्प समूहों में होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन ज्वेलरी एवं एक्सेसरीज़ को बनाने में जुटे लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के जादुई हाथों के शिल्पों की ब्रांड इमेज बनाती है। वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्पों का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का रहा, जबकि फैशन जूलरी और एक्सेसरीज का निर्यात 6,252 करोड़ रुपये (739 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के संदर्भ में 7.92% जबकि डॉलर में संदर्भ में 5.64% की वृद्धि को दर्शाता है।
 

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