काव्यांजलि के साथ क्वांटम विश्वविद्यालय में साहित्यिक उत्सव का भव्य समापन
उत्तराखंड ( जीएन न्यूज, संवाददाता ) ।
क्वांटम विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वार्षिक साहित्यिक उत्सव अभिव्यक्ति 2025 का समापन 27 सितंबर को अंतिम दिवस पर काव्यांजलि कार्यक्रम के साथ हुआ। इस अवसर पर देश के विख्यात कवियों डॉ. सरिता शर्मा, श्री मदन मोहन दानिश, श्री अभय सिंह निर्भीक, श्री विनोद पाल, श्री कुमार राघव तथा काव्या श्री ने अपनी रचनाओं का प्रभावशाली वाचन किया।
कार्यक्रम का मुख्य संचालन डॉ. सरिता शर्मा ने किया। उन्होंने मंच की गरिमा बनाए रखते हुए अपनी विविध कविताओं से श्रोताओं को जीवन, समाज और मानवीय संवेदनाओं से परिचित कराया।
श्री मदन मोहन दानिश ने जीवन से जुड़े अनुभवों और संघर्षों पर आधारित कविताएँ प्रस्तुत कीं, जिन्होंने उपस्थित जनसमूह को जीवन के गहन सबक से अवगत कराया।
श्री अभय सिंह निर्भीक ने वीर रस से ओतप्रोत कविताओं का वाचन किया। उनकी पंक्तियों में सैनिकों का त्याग, मातृभूमि के प्रति समर्पण और अटूट देशभक्ति का अद्भुत समन्वय दिखाई दिया।
श्री विनोद पाल ने हास्य रस की कविताओं के माध्यम से वातावरण को प्रफुल्लित किया। उनकी रचनाओं ने श्रोताओं को हँसी के साथ-साथ समाज की विसंगतियों पर विचार करने के लिए भी प्रेरित किया।
श्री कुमार राघव ने प्रेम और श्रृंगार रस की कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। उनकी रचनाओं में भावुकता, सौंदर्य और मानवीय रिश्तों की संवेदनशीलता की झलक दिखाई दी।
काव्या श्री ने अपनी कविताओं में भक्ति भाव का अद्भुत समावेश किया। ईश्वर की महिमा, आस्था और आत्मिक शांति को स्वर देते हुए उन्होंने अपनी रचनाओं से उपस्थित जनसमूह को आध्यात्मिक अनुभव कराया। उनकी कविताओं ने वातावरण को श्रद्धा और समर्पण की भावनाओं से भर दिया।
विश्वविद्यालय के माननीय कुलाधिपति श्री अजय गोयल, प्रबंधन बोर्ड के सदस्य श्री प्रवीण गर्ग एवं श्री शैंकी, कुलपति प्रो. (डॉ.) विवेक कुमार, कुलसचिव डॉ. अमित दीक्षित, क्वांटम स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक डॉ. मनीष श्रीवास्तव, क्वांटम स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. बृज मोहन सिंह, डीन अकादमिक्स डॉ. सतेंद्र कुमार, प्राचार्य स्वास्थ्य विज्ञान संकाय डॉ. संतोष कुमार, ई-स्टेट ऑफिसर श्री ललित सैनी, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कवियों की रचनाओं ने श्रोताओं को साहित्य के विविध रसों का अनुभव कराया और कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया। अभिव्यक्ति 2025 का यह समापन समारोह विद्यार्थियों के लिए सृजनात्मकता और साहित्यिक चेतना से जुड़ने का महत्वपूर्ण अवसर सिद्ध हुआ।