गुजरात बाढ़: गुजरात में क्यों आ रही है 'जल प्रलय'? राज्य की 900 सड़कें बंद, आसमानी विपत्ति पर पीएम मोदी की नजर

गुजरात बाढ़: राज्य में मूसलधार बारिश से 'जल प्रलय', 900 सड़कें बंद, पीएम मोदी की नजर

गुजरात में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण राज्य गंभीर बाढ़ की चपेट में है। मौसम विभाग ने गुरुवार (29 अगस्त) के लिए राज्य के कई हिस्सों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है और उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से मौजूदा स्थिति की जानकारी ली है। बाढ़ और बारिश के कारण पिछले तीन दिनों में 28 लोगों की मौत हो चुकी है। आइए जानते हैं गुजरात बाढ़ से जुड़े ताजे अपडेट्स।

भारी बारिश के कारण राज्य की 916 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई हैं। इनमें 2 राष्ट्रीय राजमार्ग और 66 राज्य राजमार्ग शामिल हैं। इसके अलावा 758 पंचायत सड़कें और 88 अन्य सड़कें भी बंद हो चुकी हैं। पोरबंदर जिले में 90 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं।

सुरेंद्रनगर जिले में 77, राजकोट में 76, और खेड़ा जिले में 75 सड़कें बंद हैं। जामनगर जिले में भारी बारिश के चलते जलस्तर 29 फीट तक पहुंच गया है, जिससे रंजीत सागर बांध ओवरफ्लो हो गया है। बांध से बड़ी मात्रा में पानी बहने का वीडियो भी सामने आया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की है और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए उठाए गए कदमों और राहत कार्यों की जानकारी ली है। एक पोस्ट में सीएम भूपेंद्र पटेल ने बताया कि पीएम मोदी ने लोगों के जीवन को सामान्य करने और अन्य मुद्दों पर मार्गदर्शन प्रदान किया है।

सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा, "पिछले तीन दिनों से पूरे गुजरात में भारी बारिश हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक बार फिर मुझसे टेलीफोन पर बात की और राज्य के विभिन्न जिलों में प्रभावित लोगों के लिए राहत उपायों की जानकारी ली।"

मुख्यमंत्री पटेल ने आगे बताया, "पीएम मोदी ने वडोदरा में विश्वामित्री नदी की बाढ़ पर चिंता जताते हुए प्रभावित लोगों को दी जा रही राहत और सहायता की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।"

गुजरात में भारी बारिश के पीछे जलवायु परिवर्तन का असर है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो प्रेशर एरिया के कारण गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बारिश हो रही है। पहले लो प्रेशर एरिया उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ता था, जिससे यूपी, बिहार, हरियाणा और पंजाब में बारिश होती थी।

हालांकि, अब लो प्रेशर एरिया का रूट बदलकर महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान हो गया है। रूट के बदलने की वजह जलवायु परिवर्तन है, जिसने बारिश के पैटर्न को भी बदल दिया है। बंगाल में लो प्रेशर एरिया ने अब उत्तर-पश्चिम के बजाय पश्चिम की दिशा पकड़ ली है।

पिछले तीन दिनों की तुलना में आज राज्य में बारिश की तीव्रता थोड़ी कम हुई है। सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। देवभूमि द्वारका के भानवड और कच्छ के अब्दासा में पिछले 24 घंटों में सबसे अधिक 11 इंच बारिश दर्ज की गई है।

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