नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड का सह-आरोपी सुरेंद्र कोली जेल से रिहा, गौतमबुद्धनगर की लुकसर जेल में था कैद

ग्रेटर नोएडा ( जीएन न्यूज, संवाददाता ) ।

 देश के बहुचर्चित निठारी कांड के सह-आरोपी सुरेंद्र कोली को आखिरकार बुधवार की देर शाम जेल से रिहा कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, कोली को ग्रेटर नोएडा स्थित लुक्सर जेल से छोड़ा गया। इससे पहले, वह लगभग एक साल तक इसी जेल में बंद था, जहाँ उसे गाजियाबाद जेल से स्थानांतरित किया गया था।
कोली पर निठारी कांड से जुड़े कुल 13 मामले दर्ज थे। इनमें से 12 मामलों में वह पहले ही बरी हो चुका था। 13वाँ मामला, जिसमें उसे मुख्य रूप से दोषी ठहराया गया था, वह रिम्पा हल्दर हत्याकांड था। इस मामले में उसे निचली अदालतों से लेकर हाईकोर्ट तक ने फाँसी की सज़ा सुनाई थी, जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया था।
कोली ने रिम्पा हल्दर केस में मिली सज़ा को चुनौती देते हुए क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत ने उसकी सज़ा को रद्द करने का ऐतिहासिक आदेश दिया था।  अदालत ने कोली की लंबे समय तक कैद की अवधि और मामले के अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया और तत्काल रिहाई का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट का परवाना (रिहाई का आदेश) जेल प्रशासन को मिलने के बाद बुद्धवार की शाम उसे रिहा कर दिया गया।
सुरेंद्र कोली को जेल से लेने के लिए उसके वकील पहुँचे थे। सूत्रों के मुताबिक, कोली का भाई दिल्ली में रहता है और रिहा होने के बाद सुरेंद्र कोली दिल्ली के लिए रवाना हो गया है। निठारी कांड से जुड़े इस प्रमुख आरोपी की रिहाई ने एक बार फिर इस भयावह घटना को सुर्खियों में ला दिया है।
 

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