60वां आईएचजीएफ दिल्ली मेला – ऑटम 2025
‘ग्रेटर ईपीसीएच के लिए मंथन’ में विचार-विमर्श और विचारों के आदान प्रदान के दौरान भारतीय हस्तशिल्प उद्योग के अग्रणी व्यक्तियों ने विज़न 2035 का खाका तैयार किया।
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद; उत्तर प्रदेश सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा और वस्त्र मंत्री राकेश सचान तथा कई अन्य सरकारी गणमान्य व्यक्तियों ने मेले का दौरा किया।
अजय शंकर मेमोरियल पुरस्कार के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ स्टैंड डिज़ाइन और डिस्प्ले के लिए 14 श्रेणियों में प्रदान किए गए, उद्योग के अग्रदूतों को सम्मानित किया गया।
ग्रेटर नोएडा/एनसीआर दिल्ली – 16 अक्टूबर 2025 - 13 से 17 अक्टूबर 2025 तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे में आयोजित 60वें संस्करण का आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2025 पूरी भव्यता के साथ चल रहा है, जिसमें विदेशी खरीदारों, क्रय एजेंसियों, प्रतिनिधियों और घरेलू थोक खरीदारों की बढ़ती भागीदारी देखी जा रही है। पिछले चार दिनों में भारत के लगभग सभी निर्यात बाजारों से खरीदारों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। कई नए संपर्क स्थापित हो रहे हैं और पुराने व्यवसायिक संबंधों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। नए आपूर्तिकर्ताओं की उत्पाद श्रृंखलाएं और नियमित विक्रेताओं की नवाचारों पर विचार किया जा रहा है। कुछ ऑर्डर पूरे हो चुके हैं और कुछ आडर्स को शो के बाद की बातचीत में अंतिम रूप दिया जा रहा है।
हस्तशिल्प निर्यात शिल्प संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने इस अवसर पर बताया, “आज ग्रेटर ईपीसीएच के लिए विचार-विमर्श और आइडिया के आदान प्रदान के लिए एक कार्यक्रम - 'मंथन' का आयोजन किया गया। यह एक ऊर्जा से भरा हुआ इंटरैक्टिव सत्र था जिसमें सदस्य निर्यातकों, खरीदारों और सेक्टर से जुड़े अन्य हितधारकों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य विस्तृत ईपीसीएच ‘विज़न 2035’ तैयार करना था, जिसमें नए बाजारों और उत्पाद श्रेणियों, खरीदार अधिग्रहण कार्यक्रमों, डिजिटल सेवाओं, स्थायित्व और अनुपालन सहायता, लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सक्षमता पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने कहा कि थिंक टैंक में मेरे साथ; ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार; ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता और ईपीसीएच के मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल रजत अस्थाना, अध्यक्ष आईएचजीएफ दिल्ली फेयर ऑटम'25शामिल रहे। इनके अलावा ईपीसीएच के पूर्व अध्यक्षों जैसे श्री राज के मल्होत्रा, ओ पी प्रहलाड़का, लेखराज महेश्वरी, डी कुमार, अरविंद वधेरा सहित अन्य उद्योग के अग्रणी लोगों ने भी इस मंथन में हिस्सा लिया और ईपीसीएच व हस्तशिल्प क्षेत्र के भविष्य को आकार देने के लिए अनुभव आधारित महत्वपूर्ण सुझाव दिए।”
ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने इस अवसर पर कहा, “यह न केवल भारतीय हस्तशिल्प निर्यात क्षेत्र के लिए बल्कि समग्र रूप से वैश्विक व्यवसायों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय है। सही अंतर्दृष्टि, सीख, दृढ़ता और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ, हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपना स्थान बनाए रखने के लिए स्थिरता और क्षमता की ओर बढ़ सकते हैं। हमारा लक्ष्य मौजूदा 3.9 बिलियन डॉलर से 9 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य तक पहुंचना है। बाधाओं पर काबू पाने में हमारे व्यापार की दृढ़ता और अनुभव को देखते हुए, हम निश्चित रूप से इसे प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन युवा पीढ़ी की सक्रिय भागीदारी के साथ “ईपीसीएच के शावक” अपने प्रेरक संबोधन में उन्होंने अगली पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरा करने के अनुरूप “ग्रेटर ईपीसीएच” की सफलता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्लस्टर ++ मॉड्यूल पर ध्यान केंद्रित करने, 3 स्तरीय संरचना को विकेन्द्रीकृत करने, एक्सपो बाजार और अन्य ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से डिजिटल सक्षमता सहित एक बहुआयामी रोडमैप पेश किया।
ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा,“दिन अत्यंत ऊर्जा से भरा रहा, जिसमें भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के कई गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर विशेष तौर पर भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद और उत्तर प्रदेश सरकार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा और वस्त्र मंत्री राकेश सचान तथा कई अन्य सरकारी गणमान्य व्यक्तियों ने मेले का दौरा किया, प्रदर्शनी की सराहना की और प्रदर्शकों व ईपीसीएच को इस ऐतिहासिक संस्करण के लिए बधाई दी।
उन्होंने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से डिस्प्ले अवार्ड समारोह की शोभा बढ़ाई और आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2025 के लिए अजय शंकर स्मृति पुरस्कार प्रदान किए। आज सम्मानित किए गए उद्योग एंबेसेडर के तौर पर विख्यात मेसर्स बोथरा इंटरनेशनल जोधपुर, राजस्थान के श्री नरेश बोथरा शामिल रहे वहीं श्री करण पटेल को नेक्स्ट-जेन युवा उद्यमी श्रेणी में सम्मानित किया गया।”
इस अवसर पर ईपीसीएच के मुख्य संयोजक अवधेश अग्रवाल ने बताया,“आज हमारे सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति ने हमें गौरवान्वित किया। इनमें हरियाणा और पंजाब उच्च न्यायालय से न्यायमूर्ति श्रीमती मंजरी नेहरू कौल, श्रीमती प्रियदर्शिनी कौल और श्रीमती नित्या नागू; उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से राज्यसभा सांसद श्री मिथलेश कुमार कटारिया; भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय की सचिव श्रीमती नीलम शमी राव;ऑल इंडिया एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष और भारतीय युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री मनिंदरजीत सिंह बिट्टा;तथा कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने मेले का दौरा किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदर्शकों से बातचीत की और प्रदर्शित उत्पादों की उत्कृष्टता की सराहना की।”आईएचजीएफ दिल्ली मेला-ऑटम 2025 के अध्यक्ष श्री रजत अस्थाना ने साझा किया,“आज का सेमिनार ‘बेस्ट प्रैक्टिसेस यू्ज्ड बाय अदर कॉम्पेटेटिव मार्केट्स एंड हाउ टु अडॉप्ट टेक्नोलॉजी फॉर कटिंग कास्ट्स’ विषय पर आयोजित हुआ। इसमें विषय विशेषज्ञों ने बताया गया कि अग्रणी निर्यात केंद्र कैसे सही वर्क फ्लो, स्टैंडर्ड प्रक्रियाएं और सोर्सिंग के समय ही गुणवत्ता पर ध्यान देकर सफलता हासिल करते हैं। इस सेमिनार मे इस बात पर भी चर्चा हुई कि इन प्रथाओं को हस्तशिल्प सेक्टर में कैसे अपनाया जा सकता है। इसी सेमिनार में उद्योग विशेषज्ञों ने कॉस्ट लीकेज, बार बार काम करने, आर्डर की वापसी,ऊर्जा दक्षता, पैकिंग डेंसिटी, लॉजिस्टिक्स और स्थायित्व जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया।”इस मअवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया,“इस मेले में रचनात्मक डिस्प्ले के आधार पर प्रदर्शकों को 10 श्रेणियों में पुरस्कारों के लिए चुना गया। अजय शंकर स्मृति पुरस्कार निम्न श्रेणियों में दिए गए: लैम्प्स, लाइटिंग और एक्सेसरीज़; होम टेक्सटाइल्स, फर्निशिंग्स और फ्लोर कवरिंग्स; फैशन ज्वेलरी और एक्सेसरीज़; डेकोरेटिव गिफ्ट्स (कॉर्पोरेट गिफ्ट्स सहित); बाथरूम एक्सेसरीज़; मोमबत्ती, अगरबत्ती, पोटपौरी मेडिकेशन और एरोमैटिक्स; हैंडमेड पेपर, गिफ्ट रैप्स और रिबन (सॉफ्ट टॉयज़ सहित); और सस्टेनेबल उत्पाद। पी. एन. सूरी स्मृति पुरस्कार निम्न श्रेणियों में दिए गए: हाउसवेयर, टेबल और डेकोरेटिव उत्पाद; फर्नीचर, फर्नीचर हार्डवेयर और होम एक्सेसरीज़। उन्होंने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा कि ये प्रतिष्ठित सम्मान हैं और हमारे प्रदर्शक, विशेष रूप से नेक्स्ट-जेन और नए प्रतिभागी, इन पुरस्कारों के लिए चयन की प्रतीक्षा करते हैं।"
पुरस्कार विजेताओं की पूरी सूची संलग्न है।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि और होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज प्रॉडक्ट के उत्पादन में लगे क्राफ्ट क्लस्टर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन डॉलर) रहा।