कार बुकिंग ऐप पर फर्जीवाड़ा कर कंपनी को ठगने वाले दो शातिर गिरफ्तार, भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद

ग्रेटर नोएडा ( जीएन न्यूज, संवाददाता ) ।

कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस ने उबर एप्लीकेशन पर फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस एडिट कर कंपनी को लाखों रुपये का चूना लगाने वाले दो शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। थाना इकोटेक प्रथम पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस की मदद से घरबरा अंडरपास के पास से इन ठगों को धर दबोचा। गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान मौ० उमेर (26 वर्ष) निवासी दिल्ली और मुजफ्फर जमाल (27 वर्ष) निवासी दिल्ली के रूप में हुई है।
पुलिस ने इनके कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें 500 छाया प्रति फर्जी आधार कार्ड, 21 मोबाइल फोन, एक पिट्ठू बैग, एक छोटा प्रिंटर और एक हुंडई आई-10 कार (नंबर डीएल 4 सीएपी 9038) शामिल है।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ये शातिर अपराधी कई मोबाइल फोन के माध्यम से उबर एप्लीकेशन पर ड्राइवर की आईडी बनाते थे। वे एक ही आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को ऑनलाइन ऐप की मदद से एडिट करके कई फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस तैयार करते थे। इसके लिए वे गूगल लेंस की मदद से आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस पर फोटो बदल देते थे और फिर इन फर्जी दस्तावेजों को उबर ऐप पर अपलोड कर देते थे।
आईडी तैयार होने के बाद, ये ठग पहले 8-10 छोटी-छोटी राइड पूरी करते थे, जिससे उबर कंपनी में उनकी विश्वसनीयता बन जाती थी। इसके बाद कंपनी द्वारा राइडर को लोन के तौर पर दी जाने वाली कुछ धनराशि प्राप्त करते थे। फिर ये लोग एक लंबी रिजर्व या प्री-बुकिंग राइड पहले से ही बुक कर देते थे और ओटीपी हासिल कर उबर ड्राइवर वाली आईडी में डालकर बिना यात्रा किए ही 20-30 किलोमीटर की यात्रा दिखाकर कंपनी से भुगतान प्राप्त कर लेते थे। जब उबर कंपनी को इस धोखाधड़ी का पता चलता था, तो वह आईडी ब्लॉक कर दी जाती थी। इसके बाद ये लोग फिर से नई फर्जी आईडी बनाकर उसी तरह से अपराध करते थे। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
 

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