ग्रेनो को और सुंदर बनाने के लिए हरियाली बढ़ाने, पेड़ों की छंटाई पर जोर: स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए प्रतिनियुक्ति पर तैनाती का आश्वासन

ग्रेटर नोएडा/ जी एन न्यूज भारत संवाददाता।
आवंटियों की तरफ से आने वाले आवेदनों/शिकायतों को तय समय में निस्तारित करें। उनको रोककर न रखें। अगर इस तरह की शिकायत मिली तो लापरवाही करने वाले स्टाफ को बख्शा नहीं जाएगा। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ’नंदी’ ने यह निर्देश दिए हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड रूम में शाम चार बजे से शुरू हुई समीक्षा बैठक में मंत्री ने विभागवार समीक्षा की। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने मंत्री के समक्ष ग्रेटर नोएडा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं, वित्तीय स्थिति व अतिक्रमण, फ्लैट बायर्स मसले आदि पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने ग्रेटर नोएडा में चल रहे विकास कार्यों को तय समय में पूरा करने के निर्देश दिए। कार्मिक विभाग की समीक्षा के दौरान सीईओ ने मंत्री के समक्ष स्टाफ की कमी का मुद्दा उठाया, जिस पर औद्योगिक विकास मंत्री ने स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए प्रतिनियुक्ति पर तैनाती का आश्वासन दिया। औद्योगिक विकास मंत्री ने ग्रेटर नोएडा को और सुंदर शहर बनाने के लिए ग्रीनरी बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कंटीले तारों को हटाकर सुंदर ग्रिल लगाने को कहा है। एक बराबर से पेड़ों की छंटाई करा दी जाए। उन्होंने सेक्टरों के मेनटेनेंस कार्य में लापरवाही करने वाले कॉन्ट्रैक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। यहां के निवासियों से फीडबैक लेने के लिए बोर्ड लगाकर कॉन्ट्रैक्ट नंबर लिखने को कहा है। औद्योगिक विकास मंत्री ने प्राधिकरण की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों से सख्ती से निपटने के भी निर्देश दिए। बैठक में सीईओ के अलावा एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ सुमित यादव, ओएसडी ओएसडी गुंजा सिंह, ओएसडी गिरीश कुमार झा, ओएसडी एनके सिंह, महाप्रबंधक परियोजना एके सिंह, महाप्रबंधक परियोजना लीनू सहगल, ओएसडी राम नयन सिंह आदि मौजूद रहे।
15 साल से बैकलीज का इंतजार कर रहे किसानों को बड़ी राहत
 लगभग 15 वर्षों से इंतजार कर रहे बैकलीज के 151 प्रकरणों से जुड़े किसानों के लिए यह राहत की खबर है। एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब शासन से जल्दी निर्णय की उम्मीद है।
दरअसल, 2007-08 से 2011-12 के बीच जमीन अधिग्रहण के दौरान 2192 किसानों के लिए आबादी की बैकलीज की गई, लेकिन आबादी की बैकलीज में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर शासन स्तर से यमुना प्राधिकरण के पूर्व सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई, जिसमें शासनादेश के मुताबिक 151 प्रकरणों को छोड़कर अन्य में कोई गड़बड़ी नहीं मिली। एसआईटी जांच में भी ये सही पाए गए। शेष बैकलीज के 151 प्रकरणों के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग की तरफ से एसआईटी के समक्ष किसानों के बैक लीज से जुड़े साक्ष्य पुख्ता तरीके से रखे गए। एसआईटी ने बैकलीज के कुछ प्रकरणों का मौके पर भी जांच की। एसआईटी ने हाल ही में जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अब शासन से शीघ्र अनुमति मिलने की उम्मीद है। इससे लंबे समय से आबादी की बैक लीज का इंतजार कर रहे किसानों को बड़ी राहत मिल जाएगी।

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