लॉयड ग्रुप (फार्मेसी )में सीसीएसईए स्पॉन्सर्ड "एनीमल हैंडलिंग एंड एक्सपेरिमेंटल फार्माकोलॉजी कार्यशाला का आयोजन।
- Sep-15-2025
ग्रेटर नोएडा/जी एन न्यूज भारत संवाददाता
लॉयड इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा में 12-13 सितंबर 2025 को “एथिकल गाइडलाइंस फॉर एनिमल हैंडलिंग एंड वेलफेयर: ए बेसिक रिसर्च एंड प्रैक्टिकल विथ रैट्स एंड माइस” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस कार्यशाला को "सीसीएसईए " (मिनिस्ट्री ऑफ फिशरीज, एनिमल हस्बैंड्री एंड डेयरींग, भारत सरकार) द्वारा वित्तीय सहयोग प्राप्त हुआ।
मुख्य वक्ता डॉ. कृपाली पांडे, सीनियर कंसल्टेंट, "सीसीएसईए "ने “जनरल गाइडलाइंस टू सीसीएसईए ” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने लैब एनिमल रिसर्च में कानूनी, नैतिक और नियामक ढांचे पर विस्तार से चर्चा की तथा अनुपालन, पारदर्शिता और जिम्मेदारी के महत्व पर जोर दिया।टेक्निकल सत्र-II में डॉ. इंदरजीत यादव (वेटेरिनेरियन, एनबीआरसी ) ने “पशु अनुसंधान में सुधार: मानवीय अंतिम बिंदु और इच्छामृत्यु की प्रथाएँ” विषय पर व्याख्यान दिया। इसके पश्चात डॉ. अनुपमा पराशर (वेटेरिनरी ऑफिसर,आईएलबीएस , नई दिल्ली) ने “प्रयोगशाला पशु अनुसंधान में अपनाई जाने वाली जैव-पद्धतियाँ और उनके नैतिक पहलू" विषय पर विस्तार से चर्चा की। दोनों विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित मानवीय शोध पद्धतियों से अवगत कराया।भोजनावकाश के बाद आयोजित हैंड्स-ऑन वर्कशॉप में प्रतिभागियों ने स्वयं अभ्यास कर प्रयोगशाला पशुओं की मानवीय हैंडलिंग तकनीक, तनाव को कम करने के उपाय और वेलफेयर मॉनिटरिंग का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।इस कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागी देशभर के विभिन्न संस्थानों से आए थे, जिनमें दिल्ली फार्मास्यूटिकल साइंस एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी , एनआईएमएस यूनिवर्सिटी जयपुर, केआईईटी, एबीईएस, आईएफटीएम यूनिवर्सिटी (मुरादाबाद), एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा, शुभारती यूनिवर्सिटी आदि प्रमुख रहे।इस अवसर पर डॉ ० वंदना अरोड़ा सेठी, ग्रुप डायरेक्टर एवं हेड ग्रोथ, लॉयड ग्रुप ने अपने प्रेरक संदेश में कहा –"यह कार्यशाला न केवल प्रतिभागियों को एनिमल हैंडलिंग प्रयोग में नैतिकता के प्रति जागरूक बनाती है, बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान में पारदर्शिता और जिम्मेदारी के नए मानक भी स्थापित करती है।"ऐसी नैतिक शोध पद्धतियाँ दवाओं के विकास को और अधिक सुरक्षित व प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होती हैं।" लॉयड ग्रुप हमेशा से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। मैं सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करती हूँ कि वे इस ज्ञान को अपने शोध कार्य में लागू करें और मानवीय दृष्टिकोण को केंद्र में रखें।" इस कार्यशाला के संयोजक डॉ. ललित त्यागी ,डॉ. राधा गोयल, डॉ. अंजना शर्मा तथा समन्वयकगण डॉ. सैयद सलमान अली एवं डॉ. पुनीत निर्मल ने आयोजन की रूपरेखा को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया । कार्यक्रम के अंत में क्विज़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए गए।
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