राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रक्षा उपकरण एवं इंजन टेस्ट फैसिलिटी का किया लोकार्पण
नोएडा । भारत सरकार के माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज नोएडा सेक्टर-81 में स्थित रेफी एम फाईबर प्रा0लि0 कम्पनी की रक्षा उपकरण एवं इंजन टेस्ट फैसिलिटी का लोकार्पण किया। भारत के माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि कंपनी द्वारा स्थापित की गई यह इकाई देश की सबसे बड़ी रक्षा उपकरण एवं ड्रोन निर्माण इकाई है। उन्होंने कंपनी के सीईओ एवं चेयरमैन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि “आत्मनिर्भर भारत का मजबूत स्वरूप अब नोएडा में भी दिखाई दे रहा है। आने वाले समय में नोएडा देश की प्रगति में और अधिक सशक्त भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह कंपनी 2017 में मात्र 10 सदस्यों से शुरू हुई थी और आज 600 से अधिक युवा इंजीनियर इसमें कार्यरत हैं। आने वाले समय में यह इकाई 5000 से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगी।
प्रदेश की प्रगति का उल्लेख करते हुए मा0 रक्षा मंत्री ने कहा कि एक समय था जब उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की स्थिति कमजोर थी तथा कानून व्यवस्था भी संतोषजनक नहीं थी। उद्यमियों को अपने उद्योग स्थापित करने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। परंतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश ने नए युग की ओर कदम बढ़ाया है और आज कानून व्यवस्था की नई पहचान के साथ निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा प्रदेश बन गया है।
माननीय रक्षा मंत्री जी ने वर्तमान समय में ड्रोन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की परिस्थितियों में ड्रोन को युद्ध नीति में शामिल करना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने कहा कि “देश का भविष्य नवाचार के हाथों में है। भारत ने मेडिकल, कृषि और आईटी क्षेत्र में उल्लेखनीय पहचान बनाई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर में रेफी एम फाईबर और डीआरडीए द्वारा निर्मित तीन उपकरणों का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संकल्प, साहस और विज्ञान के मेल से असंभव भी संभव हो सकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 21वीं सदी में वही देश विश्व शक्ति बनेंगे जो नवाचार, तकनीक और संस्कृति का समन्वय करेंगे।
मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि शस्त्र और शास्त्र के समन्वय से ही राष्ट्र मजबूत होता है और यूपी रक्षा उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि यह नोएडा को डिफेंस हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को नई ऊंचाई देगा। आज की बढ़ती हुई चुनौतियों को देखते हुए रक्षा क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर का सामना करने के लिए अत्याधुनिक ड्रोन निर्माण के साथ एयरक्राफ्ट इंजन एंड डिफेंस एयरोस्पेस टेस्ट फेसिलिटी विकसित की गई है। पहले हमें दुनिया पर निर्भर रहना पड़ता था, डाटा कैप्चर कर दुश्मन हमें पंगु बनाने की कोशिश करता था, अब ऐसा नहीं होगा।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 1947 से भारत विभिन्न युद्धों का सामना करता रहा है। प्रत्येक युद्ध का पैटर्न बदलता रहा है। ऑपरेशन सिंदूर ने युद्ध के एक नए दौर में प्रवेश किया, जिसने भारत के सामर्थ्य का एहसास दुनिया को कराया। लेकिन इसने हमें भविष्य की चुनौतियों से जूझने की प्रेरणा भी दी। हम सभी जानते हैं कि ताकत हो तो दुनिया नतमस्तक होती है। उन्होंने गुरु द्रोणाचार्य का जिक्र करते हुए कहा कि जब उनसे पूछा गया कि आप शस्त्र क्यों धारण कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा- अग्रतरू चतुरो वेदाः पृष्ठतः सशरं धनुः। शस्त्रेण रक्षिते राष्ट्रे शास्त्र चिंता प्रवर्तते। शस्त्र और शास्त्र के बेहतर समन्वय से राष्ट्र शक्तिशाली होता है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप ने भी कहा था- वीर भोग्या वसुंधरा।
मा0 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पहले से समृद्ध रहा है। यहां 9 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री पहले से कार्यरत हैं, जो रक्षा उत्पादन में योगदान दे रही हैं। 04 डिफेंस पीएसयू उत्तर प्रदेश में पहले से मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मा0 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने देश की चुनौतियों को देखते हुए दो नए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग केंद्र दिए, जिसमें एक यूपी को मिला। हम 6 नोड्स- अलीगढ़, आगरा, कानपुर, लखनऊ, झांसी और चित्रकूट में विकास कर रहे हैं। अब तक 12.5 हजार एकड़ लैंड उपलब्ध कराई गई है। जितनी भी सुविधा चाहिए, यूपी सरकार उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि मा0 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रह्मोस मिसाइल का केंद्र लखनऊ में बनाया है। अब लखनऊ ब्रह्मोस मिसाइल के रूप में भी जाना जाता है। लखनऊ की मुस्कुराहट तब तक अधूरी थी, जब तक मिसाइल की गूंज दुश्मन के कानों तक न पहुंचे। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने अपनी क्षमता दिखाई। उत्तर प्रदेश में इसी तरह डीडीएल का केंद्र का झांसी में केन्द्र बनाने के साथ ही मैन्यूफैक्चिरिंग का कार्य भी प्रारम्भ हो गया है, ए0के0 203 अमेठी में इसका निर्माण का कार्य चल रहा है और वेब्ले स्काॅट का हरदोई में कार्य प्रगति पर है। मा0 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने ड्रोन प्रदर्शनी का दौरा किया, जहां विभिन्न प्रकार के ड्रोन के मॉडल और उनकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर रेफी एम फाईबर के चैयरमेन विकास मिश्रा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत तेजी से रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है और अत्याधुनिक तकनीक आधारित निर्माण से मेक इन इंडिया अभियान को नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि कंपनी का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक ऐसे अत्याधुनिक उपकरण और तकनीक विकसित कर ली जाएगी, जिससे हमारे देश की यशस्वी प्रधानमंत्री जी एवं उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी को किसी दूसरे देश से फाइटर प्लेन लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि इस नई यूनिट और टेस्ट फैसिलिटी से देश की सामरिक शक्ति और अनुसंधान क्षमताओं में वृद्धि होगी, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार और नवाचार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि सन 2017 में 10 सदस्यों के साथ इस कंपनी का शुभारंभ किया गया था और आज 600 से ज्यादा वैज्ञानिक, शोधकर्ता, इंजीनियर और क्षेत्र विशेषज्ञ इसमें कम कर रहे हैं। अब हम प्रत्येक महीने 150 से ज्यादा अधिक ऊंचाई वाले लॉजिस्टिक्स ड्रोन और 300 छोटे यूएवी तक बना रहे हैं।
इस दौरन माननीय सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, मा0 राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर, मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष अमित चौधरी, माननीय विधायक नोएडा पंकज सिंह, माननीय विधायक दादरी तेजपाल नागर, माननीय विधान परिषद सदस्य नरेंद्र भाटी, अन्य जनप्रतिनिधि गण, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार, रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार, पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा प्राधिकरण लोकेश एम, मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा रवि एनजी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी यमुना विकास प्राधिकरण राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी मेधा रूपम, प्रशासन एवं पुलिस विभाग के तथा रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।