कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश में नई जानकारी आई सामने

कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की साजिश में नए और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच में शामिल छह टीमों ने निवादा टोल प्लाजा सहित कई जगहों पर लगे 219 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज इकट्ठे किए हैं। इसके साथ ही, सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) की टीमें भी मामले की जांच कर रही हैं। फॉरेंसिक और डॉग स्क्वॉयड की टीमें पूरे इलाके में संदिग्ध वस्तुएं और सुराग ढूंढने में लगी हैं, जबकि रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ के मामलों में पहले पकड़े गए लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।

शातिर साजिशकर्ताओं ने रेल पटरी पर सिलिंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की योजना बनाई थी। ये लोग हाईवे से सिलिंडर लेकर आए और घटना के बाद मक्के के खेतों से भाग निकले। पुलिस ने कुत्तों की मदद से घटनास्थल के पास से फुटप्रिंट्स ढूंढे हैं, जो हाईवे की ओर जाते हैं।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन की धीमी गति के कारण सिलिंडर फटने से बच गया था। ट्रेन की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटे से कम थी, जिस वजह से सिलिंडर उछलकर दूर जा गिरा। ट्रेन के एस्कॉर्ट गार्ड ने दुर्घटना की सूचना रेलवे अधिकारियों को दी और ड्राइवर ने अन्य ट्रेनों को रोकने का संदेश दिया।

इस बीच, रेलवे संरक्षा आयुक्त पवन श्रीवास्तव ने घटनास्थल पर तीन दिन तक डेरा डालकर हर पहलू की जांच के लिए आरपीएफ की टीमें तैनात की हैं। इन्वेस्टिगेशन के दौरान 18 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।

रेलवे ट्रैक की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आरपीएफ की इंटेलिजेंस टीम यात्रियों के बीच बैठकर जानकारी इकट्ठा करेगी। एनआईए, एटीएस और आईबी ने भी मामले की जांच के दायरे में देश-विदेश से आए लोगों को लिया है।

इस साजिश के अलावा, कानपुर के पास साबरमती एक्सप्रेस के बोल्डर से टकराने की घटना की भी जांच चल रही है।

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