वैश्विक स्तर पर भारत को गौरवान्वित कर नये नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा महाकुंभ महोत्सव 2025

ग्रेटर नोएडा/ जी एन न्यूज भारत भूषण संवाददाता: वैश्विक स्तर पर भारत को गौरवान्वित कर नये नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा महाकुंभ महोत्सव 2025 का यह अद्भुत अमृतकाल जो 144 वर्षों के बाद प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर दिनांक 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक मनाया जा रहा है, जिसके शुद्ध एवं पवित्र जल में करोडों श्रद्धालुओं एवं धार्मिक अखाड़ों के साधु-संतों द्वारा डुबकी लगाकर शाही स्नान कर अपने जीवन को सफल किया जा रहा हैं। ऐसे में कारागार की चार दीवारियों में बंद समाज का एक वर्ग, स्नान कर चुके करोड़ों श्रद्धालुओं की संख्या में अपने आपको सम्मिलित किये जाने से कैसे और क्यों वंचित रहे। हम भारतवासी सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय, वसुधैव कुटुम्बकम की भावना पर विश्वास करते हैं। अपनी इसी प्रवृत्ति एवं पुण्य विचार के निहित माननीय कारागार मंत्री श्री दारा सिंह जी द्वारा दिए गए आदेश के अनुक्रम में व प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक महोदय के कुशल निर्देशन में आज दिनांक 21.02.2025 को प्रातः काल 08.30 बजे का मुहूर्त महाकुम्भ से लाये गये पावन जल से बंदियों को स्नान कराये जाने के लिए निश्चित किया गया। इसी संकल्प को सिद्ध करने के उद्देश्य से आज दिनांक 21.02.2025 को जिला कारागार गौतबुद्धनगर के अधिकारियों द्वारा विशेष तैयारियां करते हुए त्रिवेणी संगम का पावन जल कारागार पर लाये जाने की व्यवस्था की गई तथा पूर्ण श्रृद्धा भाव से विधि विधान के साथ त्रिवेणी संगम से लाये गये इस पवित्र जल को कलश में भरकर मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते हुए सर्व प्रथम कलश यात्रा निकाली गई जिसमें 11 विद्वान पंडित और बंदी साथ में ढोल तासो के साथ समस्त बैरकों में गए । बंदियों के अंदर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला जैसे जैसे कलश यात्रा जा रही थी बंदियों द्वारा पुष्पwarsha की गई व स्पर्श कर आशीर्वाद लिया गया इसके पश्चात जल कुंड के पानी में पवित्र जल मिलाकर सम्पूर्ण पानी को अमृतमय किया गया। सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार अमृत की एक बूॅद जहॉ भी गिरती है वह धरा/पानी का प्रत्येक अणु और उसके आस-पास का प्रत्येक कण पूर्ण रूप से अमृतमय हो जाता है और जब यह अमृत साधु संतों एवं भक्तों के दिव्य शरीर से स्पर्श करता हैं तो इसकी महिमा ओर भी निराली और पाप नाशनी हो जाती हैं। इसी भावना के साथ त्रिवेणी संगम से लाये हुए पवित्र जल को कारागार के अधिकारियों द्वारा अहाते में स्थापित ताजे पानी से भरे कुंडों में मिलाकर बंदियों को स्नान कराया गया। बंदियों द्वारा भी पूर्ण उत्साह एवं श्रृद्धा के साथ संगम के पवित्र जल से स्नान कर अपने जीवन को धन्य किया तथा हर हर गंगे एवं महादेव की जय जयकार करते हुए इस धार्मिक यात्रा में सम्मिलित हुए। साथ ही कारागार परिसर में रह रहे परिवार के लोगो को 500 बोतले जिसमें संगम का पवित्र जल था उसको वितरित की गई।

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