न्यूजीलैंड अफगानिस्तान मैच की वजह से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की हो रही है फजीहत
मैदान की मिट्टी ढोते नजर आए कर्मचारी
ग्रेटर नोएडा ( जीएन न्यूज़, संवाददाता ) । ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच खेला जा रहा है ,जो की 9 सितंबर से 13 सितंबर तक खेला जाना है। लेकिन बारिश और अव्यवस्थाओं के चलते पहले दिन का मैच धूल गया, हालत यह रहे कि टॉस तक नहीं हो पाया और दूसरे दिन भी मैदान सुख नहीं पाया।
टेस्ट मैच के दूसरे दिन मैदान को सुखाने की तैयारी चलती रही, इस दौरान मैदान के अंदर उसको सुखाने की कोशिश कर रहे लोग घास को खोदकर मैयत की तरह ले जाते हुए नजर आए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम की देखरेख करता है। इस स्टेडियम में इतनी अवस्थाएं फैली हुई है कि दूर-दूर से आए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, पहले दिन अलीगढ़, शामली, मेरठ ,हापुड़ व अन्य जगह से क्रिकेट मैच देखने के लिए पहुंचे लेकिन जब वह स्टेडियम के अंदर चले गए तो वह पानी के लिए भटकते हुए नजर आए।
पहले दिन टॉस ने होने की वजह से लोग काफी निराश दिखे और जब दूसरे दिन लोग पहुंचे तो दूसरे दिन भी उन्हें ऐसा ही आलम दिखा ।मैदान एकदम गिला था और मैदान को सुखाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास किसी भी तरह के कोई इंतजाम नहीं थे, जिससे अंतरराष्ट्रीय लेवल पर इस मैदान की फजीहत होती हुई नजर आई।
इसे सुखाने का तरीका भी बड़ा अजीब ही दिखा। मैदान को सुखाने में लगे हुए कर्मचारी जगह-जगह पर दरी डालकर उसे सूखने की कोशिश करते रहे। पहले दिन करीब छह बार अंपायर और रेफरिंग ने जाकर इंस्पेक्शन किया लेकिन टॉस तक नहीं हो सका, वहीं दूसरे दिन भी अंपायर इंस्पेक्शन के लिए आए लेकिन मैदान इतना गीला था कि मैच होना बिल्कुल मुश्किल था।
सूत्रों का यह भी कहना है कि अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के प्लेयर इस मैदान से काफी नाखुश है। न्यूजीलैंड के प्लेयर रचिन रविंदर और सेंटनर मैदान के सूखने के तरीके को बड़े ध्यान से देख रहे थे। मैदान को सुखाने में लगे हुए कर्मचारी घास के लेयर को उखाड़ कर उसे बाहर ले जा रहे थे और मैच का इंतजार कर रहे दर्शक उसको देखते हुए नजर आए।
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में पहली बार इस तरह का अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच हो रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को इस तरह के क्रिकेट मैच कराने का कोई भी अनुभव नहीं है, जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ़जियत होना तय है।