इन म्यूचुअल फंडों को बंद करना होगा सब्सक्रिप्शन, सेबी ने दिया नया निर्देश
बाजार नियामक सेबी ने कुछ म्यूचुअल फंडों को फ्रेश सब्सक्रिप्शन लेने से मना किया है. सेबी का यह निर्देश वैसे फंड ऑफ फंड्स के लिए है, जो विदेशी एक्सचेंजों पर लिस्टेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों यानी ईटीएफ में निवेश करते हैं. ये फंड 1 अप्रैल से नया सब्सक्रिप्शन नहीं ले पाएंगे.
आरबीआई ने तय की है ये लिमिट
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने यह नया निर्देश ऐसे समय जारी किया है, जब संबंधित फंडों में आरबीआई के द्वारा सेट की गई लिमिट पूरी होने वाली है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फॉरेन एक्सचेंज पर लिस्टेड ईटीएफ में निवेश करने वाले फंड ऑफ फंड्स में 1 बिलियन डॉलर इन्वेस्टमेंट की लिमिट तय की है.
इस कारण सेबी ने दिया निर्देश
म्यूचुअल फंडों के संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, ओवरसीज ईटीएफ के लिए आरबीआई द्वारा तय की गई लिमिट के 95 फीसदी के बराबर निवेश पहले ही आ चुका है. बाजार नियामक ने इसी कारण ऐसे फंडों को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से फ्रेश सब्सक्रिप्शन लेने से मना कर दिया है, ताकि आरबीआई द्वारा सेट की गई लिमिट का उल्लंघन न हो.
बाकी फंडों के लिए नहीं हुआ बदलाव
सेबी ने एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के ईटीएफ फीडर को निर्देश दिया, जिसने नए प्रावधान के बारे में सभी फंड हाउस को सूचित किया. सेबी ने अन्य ओवरसीज फीडर फंड के लिए प्रावधानों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया है. ओवरसीज फीडर फंड उन फंडों को कहा जाता है, जो अपने एसेट एलोकेशन में फॉरेन एसेट को भी शामिल करते हैं.
इस इंडेक्स को फॉलो करते हैं फंड
फॉरेन एक्सचेंजों पर लिस्टेड ईटीएफ में निवेश की लिमिट लगभग पूरी होने का कारण अमेरिकी शेयर बाजारों की हालिया रैली बताई जा रही है. पिछले कुछ महीने के दौरान अमेरिकी शेयरों खासकर टेक शेयरों में अच्छी-खासी रैली रिकॉर्ड की गई है. अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड ईटीएफ में निवेश करने वाले ज्यादातर फंड ऑफ फंड्स नास्डैक 100 इंडेक्स को फॉलो करते हैं. नास्डैक मुख्य रूप से टेक शेयरों का सूचकांक है.
साल भर में 250 पर्सेंट तक चढ़ा ये शेयर
पिछले एक साल के दौरान नास्डैक 100 इंडेक्स में 44 फीसदी की रैली रिकॉर्ड की गई है. नास्डैक 100 में शामिल कई शेयरों ने इस दौरान जबरदस्त परफॉर्म किया है. बीते एक साल में अमेजन का शेयर 78 फीसदी तक चढ़ा है, जबकि माइक्रोसॉफ्ट के भाव में 56 फीसदी की तेजी आई है. गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का शेयर 40 फीसदी मजबूत हुआ है. बीते एक साल में नास्डैक 100 इंडेक्स पर सबसे ज्यादा चिपमेकर एनविडिया का शेयर चढ़ा है, जिसके भाव में 250 फीसदी तक की तेजी आई है.