जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज़ में ओरिएंटेशन दिवस "नवांकुर" का आयोजन खान सर ने प्रथम वर्ष के छात्रों को जीवन में सफलता का मूल मंत्र दिया

ग्रेटर नोएडा/जी एन न्यूज भारत संवाददाता:

जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज (जीआईपीएस) में नए छात्रों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में ओरिएंटेशन दिवस ‘नवांकुर’ का आयोजन किया.
‘नवांकुर’ कार्यक्रम में बीबीए, बीसीए, बी.कॉम (ऑनर्स), बी.कॉम (पी) और बीएससी (कंप्यूटर साइंस) कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों का स्वागत सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खास मेहमानों के संदेशों के साथ किया गया।
कार्यक्रम में प्रख्यात भारतीय शिक्षक खान सर, द लल्लनटॉप, इंडिया टुडे हिंदी के संपादक सौरभ द्विवेदी, सहायक पुलिस आयुक्त, गौतमबुद्ध नगर विवेक रंजन राय, सीईओ, एसएससी नैसकॉम डॉ. अभिलाषा गौर और उप महाप्रबंधक, डीसीएम श्रीराम इंडस्ट्रीज लिमिटेड विवेक गुप्ता शामिल हुए.
कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद गणेश वंदना और जीआईपीएस के छात्रों द्वारा मधुर और जीवंत सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं।
इस अवसर पर डॉ. राजेश गुप्ता - अध्यक्ष, गौरव गुप्ता - उपाध्यक्ष, सुश्री सपना गुप्ता - सदस्य प्रबंधन, श्री वंश गुप्ता - सदस्य प्रबंधन, स्वदेश कुमार सिंह - सीईओ, जीआईएमएस , प्रो. (डॉ.) सविता मोहन - प्राचार्य, जीआईपीएस के साथ ही जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के प्रबंधन के अन्य सदस्यो ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई साथ ही जीएनआईओटी ग्रुप के अन्य संस्थानों के निदेशक, डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और कर्मचारी भी उपस्थित रहे। खान सर ने संबोधित करते हुए छात्रों को संदेश दिया कि पढ़ाई का असली मकसद सिर्फ डिग्री लेना नहीं, बल्कि अच्छे इंसान बनना और समाज की जिम्मेदारी निभाना है. उन्होंने छात्रों से कहा कि बड़े सपने जरूर देखें, लेकिन साथ ही मेहनत और अनुशासन को जिंदगी का हिस्सा बनाएं.
उन्होंने साफ कहा कि कोई भी कॉलेज या इंस्टिट्यूट आपके करियर के पीछे नहीं भागेगा, यह जिम्मेदारी हर छात्र को खुद उठानी होगी.
खान सर ने छात्रों को बड़े सपने देखने, अनुशासित रहने और ज्ञान की शक्ति में विश्वास रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा केवल डिग्री के बारे में नहीं है, बल्कि चरित्र, मूल्यों और समाज के प्रति ज़िम्मेदारी के निर्माण के बारे में है। उन्होंने युवाओं को नवीनता से सोचने, राष्ट्र निर्माण में योगदान देने और अपने माता-पिता को गौरवान्वित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी आकर्षक शैली और प्रासंगिक उदाहरणों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
खान सर ने समझाया, “सपना सब देखते हैं, लेकिन उसे पूरा करने के लिए लगातार मेहनत करनी पड़ती है. प्लान और आइडिया से ज्यादा जरूरी है काम करना. सरकारी नौकरी हो या कॉर्पोरेट जॉब– तैयारी और प्रैक्टिस दोनों जरूरी हैं. प्रैक्टिस करें लेकिन सिर्फ उसी में न उलझें, असली फर्क अनुशासन और लगातार मेहनत से ही आता है.” उन्होंने माता-पिता को भी सलाह दी कि वे बच्चों पर ध्यान रखें, ताकि वे अपने लक्ष्य से न भटकें.पत्रकार सौरभ द्विवेदी ने कहा कि सवाल पूछने और सोचने की आदत डालें .
सौरभ द्विवेदी ने छात्रों को मज़बूत संचार कौशल विकसित करने, अच्छी तरह से सूचित रहने और आलोचनात्मक सोच अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे शिक्षा और जागरूकता व्यक्तियों को प्रश्न पूछने और समाज को आकार देने में सक्षम बनाती है।
गौतमबुद्धनगर के सहायक पुलिस आयुक्त विवेक रंजन राय ने लोक सेवा में अपने सफ़र के बारे में बताया और छात्रों से अनुशासित रहने, कानून का पालन करने और सफल जीवन की नींव के रूप में नैतिकता को महत्व देने का आग्रह किया। *एसीपी विवेक रंजन राय ने अनुशासन और ईमानदारी को सफलता की कुंजी बताया।
प्रसिद्ध नैसकॉम एसएससी कंपनी के सीईओ डॉ. अभिलाषा गौर ने प्रौद्योगिकी और रोज़गार के भविष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को डिजिटल कौशल विकसित करने और वैश्विक कार्यबल के लिए खुद को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. अभिलाषा गौर ने कहा कि आने वाले समय में डिजिटल स्किल्स बहुत जरूरी होंगी
डीसीएम श्रीराम इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उप महाप्रबंधक विवेक गुप्ता ने उद्योग की अपेक्षाओं और एक सफल कॉर्पोरेट करियर के लिए व्यावहारिक अनुभव, टीम वर्क और अनुकूलनशीलता के महत्व पर चर्चा की।
जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. राजेश गुप्ता ने छात्रों को बधाई दी और उन्हें जीआईपीएस में शैक्षणिक उत्कृष्टता, समग्र विकास और विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे का आश्वासन दिया।
जीआईपीएस संस्थान की प्रो. (डॉ.) सविता मोहन ने छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें संस्थान के मूल्यों, शैक्षणिक वातावरण और सह-पाठ्यचर्या विकास के अवसरों से परिचित कराया।
जीआईपीएस प्रबंधन ने छात्रों को अच्छी शिक्षा और हर तरह के विकास का भरोसा दिलाया , लेकिन इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी सीख खान सर की रही कि अगर सपने पूरे करने हैं, तो कॉलेज के भरोसे नहीं, अपनी मेहनत पर भरोसा करना होगा।
कार्यक्रम का समापन जीआईपीएस के छात्रों द्वारा जीवंत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ, जो रचनात्मकता, ऊर्जा और एक नई शुरुआत की भावना का प्रतीक था।
ओरिएंटेशन दिवस (नवांकुर्) जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के लिए एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने इसके छात्रों के लिए शैक्षणिक उत्कृष्टता, समग्र विकास और एक आशाजनक यात्रा की नींव रखी।
 

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