पारिवारिक विवाद समाधान केंद्र को हुआ एक वर्ष पूर्ण, कई परिवारों को टूटने से बचाया गया
ग्रेटर नोएडा/ जी एन न्यूज संवाददाता:
नोएडा। पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर, लक्ष्मी सिंह ने सेक्टर-108 में स्थापित परिवारिक विवाद समाधान केंद्र (FDRC) के प्रथम वार्षिक दिवस के अवसर पर एमिटी यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने FDRC के सदस्यों को उनके सराहनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया।
FDRC, गौतमबुद्धनगर पुलिस और एमिटी यूनिवर्सिटी का एक संयुक्त प्रयास है। यह केंद्र वैवाहिक और पारिवारिक विवादों और तनाव से संबंधित मामलों में परामर्श और मध्यस्थता सेवाएं प्रदान करता है। यहां कानूनी और मनोविज्ञान विशेषज्ञों की एक टीम परिवारों को टूटने से बचाने और उनके संबंधों को सुधारने में मदद करती है।
श्रीमती लक्ष्मी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आजकल छोटी-छोटी बातें भी बड़ी समस्याएं बन जाती हैं, जिससे परिवार टूट जाते हैं। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग के माध्यम से कई परिवारों को बिखरने से बचाया जा सकता है। उन्होंने FDRC के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विशेषज्ञों द्वारा उचित परामर्श प्रदान किया जाता है ताकि एफआईआर दर्ज करने के बजाय एक स्थाई समाधान खोजा जा सके। उन्होंने बताया कि एमिटी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों, मनोचिकित्सकों, मनोविज्ञान विभागों के तीन संकाय सदस्यों और पुलिसकर्मियों की मदद से कई परिवारों को टूटने से बचाया गया है।
FDRC का मुख्य उद्देश्य परिवारों में आपसी विवादों को सुलझाकर समाज में शांति और स्थिरता बनाए रखना है। यह पुलिस और काउंसलिंग के माध्यम से परिवारों को टूटने से बचाने का एक प्रभावी मॉडल है। कमिश्नरेट के थानों के महिला हेल्प डेस्क पर प्रार्थना पत्र प्राप्त होने के बाद, हेल्प डेस्क कर्मी समस्या का विस्तृत आंकलन करते हैं और प्रकरण को FDRC में काउंसलिंग के लिए भेजते हैं। FDRC और महिला सुरक्षा टीम मध्यस्थता और काउंसलिंग करते हुए परिवारों के आपसी विवादों को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को सुनकर समाधान प्रस्तुत करते हैं। प्रोफेशनल काउंसलर मानसिक, भावनात्मक और व्यवहारिक समस्याओं को समझकर मार्गदर्शन देते हैं। FDRC का उद्देश्य न केवल काउंसलिंग कराना है बल्कि पीड़ित को कानूनी और मनोवैज्ञानिक मदद करना भी है।
FDRC भावनात्मक और सामाजिक समर्थन देकर समाज को अधिक सशक्त बनाता है। यह परिवारों को स्थिरता प्रदान कर नई पीढ़ी के लिए सकारात्मक वातावरण तैयार करने में सहायक है। FDRC सेक्टर-108 और महिला सुरक्षा टीम नोएडा पुलिस के समक्ष वर्ष 2024 में 207 मामले आए, जिनमें से 169 मामलों का सफल निवारण FDRC की टीम ने किया, 38 प्रकरण प्रचलित हैं और केवल 11 मामलों में ही एफआईआर दर्ज की गई।
FDRC में असहमतियों से आए प्रकरणों में रिश्ते को पुनः जुड़ने के बाद भी शुरुआती समय में दक्ष सहायता की आवश्यकता होती है। इसी क्रम में पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर के निर्देशन में एमिटी विश्वविद्यालय में एक सोशल वेलनेस सेंटर लॉन्च किया गया है, जिसमें FDRC के माध्यम से मध्यस्थता कराए गए सफल प्रकरणों में पुनः किसी भी प्रकार की साइकोलॉजिकल मदद की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर द्वारा कमिश्ररेट गौतमबुद्धनगर में ऑपरेशन "अपराजिता" संचालित किए जाने की घोषणा की गई है, जिसमें 18 साल से कम उम्र की रेप पीड़िता और उनके परिजनों की काउंसलिंग करते हुए साइकोलॉजिकल मदद एवं कानूनी सहायता की जाएगी, ताकि उनके मन व दिमाग से डर को निकाला जा सके और वे एक आम जीवन बिता सकें। रेप के आरोपियों को जेल भेजने के साथ-साथ उनको सजा दिलाने के लिए पुलिस लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है।
ऑपरेशन "अपराजिता" का उद्देश्य रेप पीड़िता के मन व दिमाग से घटना का डर निकालना है। इसमें पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ काउंसलिंग करने के लिए प्रोफेशनल लोगों की मदद ली जाएगी, ताकि एक अच्छे माहौल में काउंसलिंग कराई जा सके। ऑपरेशन "अपराजिता" सोशल पुलिसिंग की ओर श्रीमती लक्ष्मी सिंह, पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर की एक विशेष पहल है।
उक्त कार्यक्रम में पुलिस विभाग से पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह, पुलिस उपायुक्त नोएडा रामबदन सिंह, पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा श्रीमती सुनीति एवं अन्य अधिकारीगण के साथ एमिटी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ बलविंदर शुक्ला, चेयर मेन एमिटी लॉ स्कूल प्रो. डॉ. डी.के. बंदोपाध्याय, एमिटी के काउंसलर, समस्त फैकल्टी, RWA, ग्राम प्रधान व विभिन्न NGO के सदस्य तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।