आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर एबीवीपी ने आयोजित किया “आपातकाल संघर्ष गाथा” कार्यक्रम

ग्रेटर नोएडा ( जीएन न्यूज, संवाददाता )।  

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा आपातकाल की विभीषिका के 50 वर्ष पूर्ण होने पर “आपातकाल संघर्ष गाथा” कार्यक्रम का आयोजन गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में भव्य रूप से किया गया। कार्यक्रम में उन संघर्षशील लोगों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने 1975 के आपातकाल कालखंड में लोकतंत्र की रक्षा हेतु संघर्ष किया था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमएलसी श्रीचंद शर्मा ने अपने संबोधन में कहा,
“आपातकाल भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय था। उस समय जिन विद्यार्थियों और नागरिकों ने तानाशाही के खिलाफ आवाज़ उठाई, वे आज के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को लोकतंत्र की कीमत समझ में आती है।”

मुख्य वक्ता मनु शर्मा कटारिया (अखिल भारतीय छात्रा प्रमुख, एबीवीपी) ने कहा,
“आपातकाल में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जेलें झेली, अत्याचार सहे, लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए पीछे नहीं हटे। आज जब हम 50 साल बाद उस संघर्ष को याद करते हैं, तो यह सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि युवाओं के लिए चेतना का संदेश है।”

कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. विकास गर्ग ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया।
विशिष्ट अतिथि विश्वास त्रिपाठी (रजिस्ट्रार, गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय) ने विश्वविद्यालय स्तर पर ऐसे आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए छात्र राजनीति के सकारात्मक पक्ष को रेखांकित किया।
विशेष उपस्थिति में प्रांत संगठन मंत्री तरुण सिंह ने एबीवीपी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को साझा किया और संगठन के राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को रेखांकित किया।

इस अवसर पर प्रांत मंत्री गौरव गौड़, विभाग संयोजक वैभव मिश्रा, जिला संयोजक देव नागर, जिला प्रमुख ओम कृष्ण,प्रांत मीडिया संयोजक अभिनव वत्स, प्रांत सह सोशल मीडिया संयोजक अक्षत श्रीवास्तव, राज जादोन, यश सहित कई कार्यकर्ता और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य आपातकाल के समय हुए संघर्ष की गाथा को आज के विद्यार्थियों तक पहुंचाना और उन्हें लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग बनाना था।
 

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