बारिश ने खोली ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दावों की पोल, जलजमाव और जाम से लोगों की टेंशन बढ़ी

ग्रेटर नोएडा ( आमिर खान , जीएन न्यूज, संवाददाता ) ।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने मौसम को सुहावना तो बना दिया है, लेकिन साथ ही शहर की व्यवस्था की पोल भी खोल दी है। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर अपने भाइयों को राखी बांधने निकली बहनों को जलजमाव और भीषण ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के कारण शहर के कई प्रमुख इलाकों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
दरअसल यह मामला ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कस्बे का है जहां पर देर रात से हो रही झमाझम बारिश ने सूरजपुर कस्बे में लोगों का हाल बेहाल कर दिया है यहां पर मूसलाधार बारिश के कारण सड़कों और गलियों में काफी जलभराव हो गया है जिसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कत हो रही है और सड़कों का तो यह हाल है कि यातायात की व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है। यहां के लोगों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अब से चार महीने पहले सड़क बनाने के लिए सड़कों को खोद डाला लेकिन इसके बाद सड़क बनाने का कार्य रोक दिया गया और साथ ही जो सड़कों पर नाले बने हैं उनको भी तोड़ दिया था जिसके कारण यहां पर बारिश का पानी भर गया है और नालो में पानी की निकासी बिल्कुल बंद हो चुकी है। जिसके कारण सूरजपुर का हाल बेहाल हो गया है। निवासियों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सूरजपुर कस्बे की  अनदेखी की काफी समय से कर रहा है। सूरजपुर कस्बे में काफी प्रशासनिक भवन भी है जैसे जिलाधिकारी ऑफिस, विकास भवन, गौतम बुद्ध जिला न्यायालय है लेकिन फिर भी अधिकारियों यहां की सूझबूझ नहीं लेते हैं और ना ही सूरजपुर कस्बे की समस्याओं का हल करते हैं।

करोड़ों का बजट, फिर भी जलमग्न हुआ शहर
हर साल मॉनसून से पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से नालों की साफ-सफाई और जलभराव रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाने का दावा किया जाता है। लेकिन इस साल की पहली झमाझम बारिश ने ही इन सभी दावों को धो दिया है। सूरजपुर कस्बा पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिससे वहां के लोगों को भारी परेशानी हो रही है। यह समस्या सिर्फ सूरजपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि जिले के शहरी और देहात, दोनों इलाकों में पानी भरने से लोग जूझ रहे हैं।

बढ़ती शिकायतें, घटते समाधान
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के नागरिकों का कहना है कि हर साल मानसून में उन्हें इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रशासन द्वारा किए जाने वाले दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं। इस बार भी जलजमाव और ट्रैफिक जाम ने एक बार फिर से अधिकारियों की तैयारियों पर सवालिया निशान लगा दिया है।
 

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