जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस उत्तर-पूर्वी राज्यों के विद्यार्थियों के विकास के लिए निरंतर समर्पित : सीईओ स्वदेश कुमार सिंह
जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस द्वारा उत्तर-पूर्वी राज्यों के विद्यार्थियों के विकास के लिए पचहत्तर लाख रुपये की स्कॉलरशिप की घोषणा।
दिल्ली एनसीआर के ग्रेटर नोएडा में स्थित प्रतिष्ठित जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस ने उत्तर-पूर्वी भारत के विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी पहल करते हुए पचहत्तर लाख रुपये से अधिक की छात्रवृत्तियाँ प्रदान करने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त इस संस्थान के कैम्पस में पहले से ही उत्तर-पूर्वी राज्यों से दो सौ पचास से अधिक छात्र अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं तथा इस कदम से संस्थान ने उत्तर-पूर्वी छात्रों के शैक्षिक विकास को नई दिशा देने की कोशिश की है।
आज गुवाहाटी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के वरिष्ठ सदस्य मौजूद थे।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख रूप से जीआईएमएस संस्थान के सीईओ स्वदेश कुमार सिंह, निदेशक डॉ. भूपेन्द्र कुमार सोम, जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के ग्रुप हेड आउटरीच श्री पंकज कुमार और क्षेत्रीय प्रमुख श्री प्रदीप डे ने अपने विचार साझा किए।
सर्वप्रथम जीआईएमएस संस्थान के सीईओ स्वदेश कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन कहा कि "हमारा उद्देश्य उत्तर-पूर्वी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे भारतीय समाज और वैश्विक मंच पर अपने कौशल का प्रदर्शन कर सकें। इस दिशा में हम निरंतर काम कर रहे हैं," उन्होंने छात्रवृत्तियों का महत्व बताते हुए कहा, "उत्तर-पूर्वी छात्रों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए हम पचहत्तर लाख रुपये से अधिक की छात्रवृत्तियाँ प्रदान कर रहे हैं। हमारी संस्थान में पहले से ही इन क्षेत्रों से दो सौ पचास से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जो हमारे प्रयासों की सफलता का प्रतीक हैं।"
इसके बाद संस्थान के निदेशक डॉ. भूपेन्द्र कुमार सोम ने अपने संबोधन में संस्थान की शैक्षिक गुणवत्ता और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा जीएनआईओटी ग्रुप ने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित किए हैं।
पिछले पच्चीस वर्षों में संस्थान ने न केवल इंजीनियरिंग और प्रबंधन बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता का मार्ग प्रशस्त किया है। हमारे संस्थान का मानना है कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह छात्रों को एक पूर्ण विकसित व्यक्तित्व बनाने का प्रयास होना चाहिए। हम उन्हें आवश्यक कौशल और तकनीकी ज्ञान प्रदान करते हैं, ताकि वे वैश्विक स्तर पर सफल हो सकें ।
इसके बाद जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के ग्रुप हेड आउटरीच पंकज कुमार ने संस्थान के उत्तर-पूर्वी छात्रों के लिए किए गए प्रयासों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, "हम उत्तर-पूर्वी छात्रों की मेहनत और समर्पण को बहुत मानते हैं। इन्हें हर संभव अवसर प्रदान कर हम अपने प्रयासों को अगले स्तर तक पहुंचाने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने छात्रों के विकास के लिए संस्थान द्वारा की जा रही अन्य योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
श्री पंकज कुमार ने बताया कि "हमारी नीति यह है कि छात्रों को न केवल शिक्षा दी जाए, बल्कि उन्हें पेशेवर जीवन में सफलता के लिए भी तैयार किया जाए। हमारे प्रयासों का मुख्य उद्देश्य छात्रों को उनके व्यक्तिगत और शैक्षिक विकास के लिए हर प्रकार की मदद देना है,"
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में संस्थान के क्षेत्रीय प्रमुख प्रदीप डे ने संस्थान की उत्तर-पूर्वी भारत में बढ़ती प्रतिष्ठा पर प्रकाश डाला और कहा, "हम लगातार उत्तर-पूर्वी छात्रों को बेहतर अवसर देने के लिए कार्य कर रहे हैं। इस क्षेत्र से हमारे छात्रों ने कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं और हम आने वाले समय में भी इस दिशा में कार्य करते रहेंगे।"
संस्थान के इस प्रयास से न केवल उत्तर-पूर्वी भारत के छात्र लाभान्वित हो रहे हैं, बल्कि जीएनआईओटी ग्रुप अपनी शैक्षिक गुणवत्ता और समर्पण के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित हो रहा है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीएनआईओटी ग्रुप के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे, और उन्होंने उत्तर-पूर्वी छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए संस्थान द्वारा किए गए प्रयासों को साझा किया।