साढ़े तीन लाख छात्रों की अपार आईडी अब तक नहीं बनी, निजी स्कूलों ने डीसी पर लगाया आरोप

जिले में अपार आईडी बनाने की अंतिम तारीख निकलने के बावजूद अब तक साढ़े तीन लाख से अधिक छात्रों की आईडी नहीं बन पाई है। चारों ब्लॉकों के कई स्कूलों में एक भी छात्र की अपार आईडी नहीं बनी, जिससे स्कूल प्रबंधकों में रोष है।

निजी स्कूलों के प्रबंधकों ने आरोप लगाया कि आईडी बनाने की प्रक्रिया देख रहे डीसी ने सही जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। उनका कहना है कि यदि समय रहते सूचना दी जाती, तो अब तक सभी छात्रों की अपार आईडी बन चुकी होती। कई स्कूल संचालकों का कहना है कि ऑनलाइन मीटिंग में भी वे जुड़ नहीं सके, जिससे प्रक्रिया में और देरी हुई।

सरकारी स्कूल आगे, निजी स्कूलों में देरी
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सरकारी स्कूलों के करीब 85% छात्रों की अपार आईडी बन चुकी है, जबकि निजी स्कूलों के छात्रों की आईडी अभी भी लंबित है। सरकारी स्कूलों के लिए 5 फरवरी तक आईडी बनाने की समय सीमा तय थी, लेकिन निजी स्कूलों के लिए कोई स्पष्ट समय सीमा नहीं थी।

शिक्षक संकुल करेंगे निगरानी
जिन स्कूलों में अब तक एक भी छात्र की अपार आईडी नहीं बन पाई, वहां शिक्षक संकुलों को भेजने का निर्णय लिया गया है। 200 से अधिक शिक्षक संकुल इस कार्य में लगाए गए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों की अपार आईडी बनाई जा सके।

आधार कार्ड में गलतियों से हो रही दिक्कतें
अधिकारियों के अनुसार, अपार आईडी बनाने में सबसे बड़ी समस्या आधार कार्ड में नाम की गलत स्पेलिंग है। इसके चलते पोर्टल पर अपार आईडी जनरेट नहीं हो रही और संशोधन में भी दिक्कतें आ रही हैं। इस कारण अभिभावक भी परेशान हैं और लगातार स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं।

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