मणिपुर में जारी हिंसा के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम पर राज्य की मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है। आइए 10 बिंदुओं में जानते हैं राज्य का हाल।
ग्रेटर नोएडा ( जीएन न्यूज़, संवाददाता ) ।
मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से जारी हिंसा की आग फिर से भड़क उठी है। राज्य के कई हिस्सों में तनाव बढ़ गया है, और उग्र और हिंसक प्रदर्शन का दौर जारी है। हालात को देखते हुए सरकार ने कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया है, और कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
केंद्र सरकार की कोशिशें और फैसले
केंद्र सरकार मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। हाल ही में राज्य में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाई गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति को सुधारने के लिए कई बड़े फैसले भी लिए हैं, लेकिन हिंसा पर पूरी तरह से काबू पाना अब भी चुनौती बनी हुई है। यहां मणिपुर के ताजा हालात को 10 प्रमुख बिंदुओं में समझा जा सकता है:
मणिपुर की स्थिति के 10 मुख्य बिंदु:
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मणिपुर के मौजूदा हालात एक बार फिर गंभीर हैं। राज्य के कई इलाकों में हिंसा का माहौल है। कुकी समुदाय अपनी मांगों को लेकर हिंसक प्रदर्शन कर रहा है, वहीं मैतेई समुदाय एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के विरोध में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है।
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ताजा हिंसा की शुरुआत जिरीबाम से हुई थी, जहां कुकी उग्रवादियों ने पहले सुरक्षाबलों की एक चौकी पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में कुछ उग्रवादी मारे गए। इसके बाद 12 नवंबर 2024 को कुकी उग्रवादियों ने एक ही परिवार की तीन महिलाओं और तीन बच्चों का अपहरण कर लिया। इनके शव 16 नवंबर को असम-मणिपुर सीमा पर मिले, जिससे मैतेई समुदाय में आक्रोश फैल गया और उन्होंने सड़कों पर उतरकर हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।
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कर्फ्यू और इंटरनेट बंद: स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने कई इलाकों में कर्फ्यू लागू किया है और कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।
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सुरक्षाबलों की तैनाती: राज्य में हिंसा को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। स्थिति को संभालने के लिए केंद्रीय बलों के अतिरिक्त जवान भेजे गए हैं।
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मंत्रियों की बैठकें: स्थिति पर काबू पाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठकों का आयोजन किया और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।
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सामुदायिक तनाव: मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों समुदायों के बीच टकराव ने राज्य की शांति और सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है।
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सीमा पर चौकसी बढ़ी: असम-मणिपुर सीमा पर हिंसा की घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा बलों ने चौकसी बढ़ा दी है।
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आर्थिक गतिविधियां प्रभावित: हिंसा के कारण मणिपुर में आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ा है। बाजार बंद हैं और व्यापारिक गतिविधियां ठप हैं।
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प्रभावित लोग: हिंसा की वजह से कई परिवार विस्थापित हो गए हैं। लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं।
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शांति की अपील: राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मणिपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही, हिंसा पर काबू पाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
मणिपुर में हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं, और दोनों समुदायों के बीच टकराव ने राज्य को अस्थिर कर दिया है। सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है, लेकिन शांति की बहाली अभी भी एक चुनौती है।